23 October 2018

3466 - 3470 दुनिया अजनबी खुशबू यारी तारे गजब प्यार उदास आँख मौसम महसूस शायरी


3466
गजबका प्यार था,
उसकी उदास आँखोमें... 
महसूस तक ना होने दिया,
कि वो छोड़ने वाला हैं...।

3467
बदलते लोग, बदलते रिश्ते,
और बदलता मौसम...
चाहे दिखाई ना दे;
मगर 'महसूस' जरूर होते हैं...!

3468
ऐसा अपनापन भी क्या,
जो अजनबी महसूस हो...
साथ रहकर भी,
मुझे उनकी कमी महसूस हो...

3469
कुछ लोग मेरी दुनियामें,
खुशबूकी तरह हैं;
रोज महसूस तो होते हैं...
दिखाई नहीं देते.......!

3470
एक जैसे लोग सारे हीं होते,
कुछ हमारे होकर भी...
हमारे नहीं होते,
आपसे यारी करनेके बाद,
महसूस हुआ...
कौन कहता हैं...
'तारे ज़मींपर' नहीं होते...!

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