6726
होठोंपर हँसी न हो तो,
हाथोंमें मेहँदी नहीं लगाई जाती हैं;
इश्क़ किसी औरसे हो तो,
किसी गैरसे शादी नहीं रचाई जाती हैं...
6727
लड़कीके हाथोंपर जब,
मेहँदी रचाई जाती
हैं...
तो बहुत सारे
रिश्तोंकी,
अहमियत बताई जाती
हैं...
6728
किसी औरके रंगमें
रंगने लगे हैं
वो...
मेरी दुनिया बेरंग कर,
किसी गैरकी यादमें,
हँसने लगे हैं वो.......
मेरी दुनिया बेरंग कर,
किसी गैरकी यादमें,
हँसने लगे हैं वो.......
6729
भीतर ही भीतर
चिल्लाई होगी,
हाथोंमें
जब मेहँदी सजाई
होगी...
मैंने उजाड़ दी
जिन्दगी उसकी,
ये बात उसने
खुदको समझाई होगी...
6730
मेरे प्यारकी मेहँदी सजाकर,
किसी औरका घर बसाने चली हैं वो...
मुझे बर्बाद करके किसी औरको,
बर्बाद करने चली
हैं वो.......
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