29 November 2020

6826 - 6830 दिल ख्वाब दर्द बयान दुश्मन हकीकत तन्हाई आँख आँसू शायरी

 

6826
एक दर्दपर,
हज़ार आँसू...
उफ़ मेरे दिलकी,
ये फजूल खर्चियाँ...!

6827
बहुत रोया हूँ मैं,
जबसे ये मैंने ख्वाब देखा हैं ;
कि आप आँसू बहाते,
सामने दुश्मनके बैठे हैं ll

6828
मेरी आँखोंसे गिरे हैं,
यह जो चंद कतरे...
जो समझ सको तो,
आँसू समझो तो पानी...

6829
हमें मालूम हैं,
तुमने देखी हैं, बारिशकी बूँदें...
मगर मेरी आँखोंसे ये,
सावन आज भी हार जाता हैं...

6830
अच्छा हुआ ये आँसू बेरंग हैं,
वरना हर सुबह मेरे...
तकियेका बदला हुआ रंग...
मेरी तन्हाईकी हकीकत,
बयान कर देता.......

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