6821
जब बिखरेगा इंतज़ारमें,
ज़मीनपर तेरी आँखका आँसू...
एहसास तुझे तब होगा,
मोहब्बत किसको कहते हैं...
6822
आँसूको कभी ओसका,
क़तरा न समझना...
ऐसा तुम्हें चाहतका,
समुंदर न मिलेगा.......
6823
दामनसे अपने वो,
पोंछता हैं आँसू मेरे...
रोनेका भी अपना कुछ,
अलग ही मज़ा हैं.......!
6824
नींदमें
भी गिरते हैं,
मेरी आँख़ोंसे आँसू...l
जब भी तुम
ख्बाबोमें,
मेरा हाथ छोड़
देते हो...ll
6825
क्या मिला प्यारमें,
मेरी ज़िंदगीके लिए...?
रोज़ आँसूही पिए हैं,
मैने किसीके लिए.......
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