7916
क़ोई दिल नहीं ज़हाँमें,
ज़िसे हो क़रार हासिल...
क़ोई बेक़रार ज़्यादा,
क़ोई बेक़रार क़म हैं.......!
7917अक़ेलापन नहीं ख़लता,उदासी भाग ज़ाती हैं lक़भी ज़ब बेक़रारीमें,तुम्हारी याद आती हैं ll
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बेक़रारी ही बेक़रारी हैं,
ज़ो ग़ुज़ारी ना ज़ा सक़े हमसे...
हमने वो ज़िन्दग़ी ग़ुज़ारी हैं.......
7919मासूम बेक़रारी हैं,मेरे ख़मीरमें ;उड़ती हैं मेरी खाक़,उडा़ता नहीं हूँ मैं.......
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ये बेचैनी, ये बस्कूनी,
ये बेक़रारी...
ज़ब तू मेरा नहीं हैं,
तो ये दर्द मेरा क्यों हैं...?