9931
सुना हैं बोले तो,
बातोंसे फूल झड़ते हैं...!
ये बात हैं तो,
चलो बात क़र क़े देख़ते हैं...!!!
अहमद फ़राज़
9933
रंग़ बातें क़रें और,
बातों से ख़ुश्बू आए...
दर्द फ़ूलोंक़ी तरह महक़े,
अग़़र तू आए.......
9934तेरी बातोंमें ज़िक़्र मेरा,मेरी बातोंमें ज़िक़्र तेरा :अज़बसा ये इश्क़ हैं,ना तू मेरी ना मैं तेरा ll
9935
रात बातोंमें गुज़रे,
रात यादोंमें गुज़रे,
रात ख्वाबोंमें गुज़रे,
मगर रात तनहा न गुज़रे...!