6 December 2025

10106 - 10110 आँसु बेबसी दास्ताँ दर्द अशआर माँग ग़मग़ीन सूरत बना बता क़मरे उदासी क़यामत तस्वीर शायरी


10106
आँसुओंसे लिख रहे हैं,
बेबसीक़ी दास्ताँ...
लग रहा हैं,
दर्दक़ी तस्वीर बन जाएँगे हम ll

                                    अज़्म शकरी

10107
मेरे अशआर पढ़नेवाले लोग,
तेरी तस्वीर माँग बैठे हैं...
शादाब जावेद

10108
इक़ बनानी थी,
उसे ग़मग़ीन सूरत...
वो बनाता ही गया,
तस्वीर मेरी......

                दिलीप कुमार

10109
तेरी तस्वीर अगर बनाते हम...
तेरे बारेमें क्या बताते हम ll
ताजदीद कैसर

10110
मेरे क़मरेमें उदासी हैं,
क़यामतक़ी मगर,
एक़ तस्वीर पुरानीसी,
हँसा क़रती हैं ll

                     अब्बास क़मर

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