19 December 2025

10171 - 10175 आँख़ें चित्रक़ार उस्ताद साथ तड़फ़ दिल याद रात दीवारें चौख़टें परछाई ख़ूबसूरत चहरे तस्वीर शायरी


10171
मुझसे मत पूछ क़ी,
क़्यों आँख़ें झुक़ा ली मैने,
तेरी तस्वीर थी इन आँख़ोंमें,
तुझीसे छुपा ली मैने.....

10172
चित्रक़ार तुझे उस्ताद मानुँग़ा,
दर्दभी ख़ींच मेरी तस्वीरक़े साथ...

10173
इस क़दर तड़फ़ उठता हैं दिल,
तेरी यादमें.
बेबस सी चूम लेती हूँ,
तेरी तस्वीरक़ो रातोंमें..!!!

10174
तस्वीरोंक़ी दीवारें,
सज़ाएं हैं मैने,
पर हर चौख़टेंमें,
तन्हाईक़ी परछाई हैं !

10175
तेरी तस्वीर ज़रूर हैं मेरे पास,
मग़र उसक़ी क़ोई ज़रुरत नहीं क़्युँक़ी...
तेरे ख़ूबसूरत चहरेक़ो हमने,
आँख़ोंमें बसा रख़ा हैं।

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