11 December 2025

10131 - 10135 अतीत पन्ने दौर कहानी हँस खेल यादें प्यारी सुहानी जमाना नयन बिंदी चाँद मन मीठा चूम पुरानी तस्वीर शायरी


10131
अतीतके पन्ने खोले,
पुरानी तस्वीर हमारी...
कैसे बदला दौर सारा,
कहती कहानी सारी...!

10132
मैं भी कभी हँसता खेलता था,
कल एक पुरानी तस्वीरमें देखा खुदको !!

10133
कैसा जमाना था,
वो यादें सुहानी सब प्यारी...
नयनोमें उतर आती,
पुरानी तस्वीर हमारी ll

10134
एक पुरानी तस्वीर,
जिसमे तुमने बिंदी लगाई हैं...!
मैं अक्सर उसे रातमें,
चाँद समझके देख लेता हूँ...!!!

10135
जब मन करता हैं,
रातमें मीठा खानेका,
हम चुपकेसे उठकर,
तेरी तस्वीर चूम लेते हैं !

No comments:

Post a Comment