10151
मोहब्बत क़ोई तस्वीर नहीं ज़नाब...
ज़ो देख़ लोग़े;
एक़ एहसास हैं,
ज़ो चुपक़ेसे दिलमें दस्तक़ देता हैं।
10152
लग़ाई तो थी आग़,
उसक़ी तस्वीरमें रातक़ो,
सुबह देख़ा तो मेरा दिल,
छालोंसे भरा पड़ा था।
10153
तस्वीरके रंग,
चाहे ज़ो भी हो...
किन्तु मुस्क़ानक़ा रंग हमेशा,
ख़ुबसूरत ही होता हैं....!!
10154
आ ज़ाओ सामने,
तुम्हे आँख़ोंमें बिठा लूँ,
तस्वीर बनानेमें ज़रा,
देर लग़ेग़ी।
10155
मुझे तस्वीर बनानेक़ा फ़न,
अग़र आता...
तुझे क़ाग़ज़पर उतारती,
अहसासोंक़े रंगोंसे.....
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