2761
ये भीगे भीगेसे लम्हें,
ये
बारिशोंके दिन,
ये तेरी
यादोंका मौसम,
और फ़िरसे
जीना तेरे बिन...!
2762
नफरतें सर उठाके घूमती रहीं,
और इश्क़ ताबीज़ोंमें
रह गया...।
2763
कौन जितेगा उनसे बातोंमें,
जिनकी आँखे भी
कमाल करती हो...!
2764
वफ़ाके वादे,
वो सारे भुला
गयी चुप चाप,
वो मेरे दिलकी दीवारें,
हिला
गयी चुप चाप.......!
2765
बारिशमें रख
दो...
इस जिन्दगीक़े पन्नोंको,
ताकी धुल जाए
स्याही,
जिन्दगी
फिरसे,
लिखनेका मन करता
हैं,
कभी-कभी।