3691
कितना बेईमान हैं,
ये
कमबख्त दिल...
धड़का भी तो,
बस तेरीही दस्तकपें...!
3692
प्यारकी आँचसे तो,
पत्थर
भी पिघल जाता
हैं;
सचे दिलसे
साथ दे तो,
नसीब भी बदल
जाता हैं;
प्यारकी राहोंपर,
मिल जाए
सच्चा हमसफ़र;
तो कितना भी गिरा
हुआ इंसान भी,
संभाल जाता हैं.......!
3693
हर तकलीफसे इंसानका,
दिल दुखता
बहुत हैं;
पर हर तकलीफसे,
इंसान सीखता
भी बहुत हैं...
3694
दिलके राज़
पहुँच गये ग़ैरोंतक...
अपनोसे बस
मशवरा किया था.......!
3695
टूटे मक़ान वाला,
दिलमें ताजमहल
रखता हूँ;
बात गहरी मगर,
अल्फ़ाज़ सरल रखता
हूँ...!