20 January 2019

3801 - 3805 रुह साँस याद सबब तड़प एहसास आँख जान जिद शरारत करवट तकलीफ बेरुखी दिल शायरी


3801
गीली पलकोंकी नमी,
और बेरहम याद, तुम हो...
अनछुआ दिलका कोना,
और रुहमें घुला एहसास...
सिर्फ "तुम"  हो.......!

3802
तेरी आँखोंमें एक,
शरारतसी हैं...
क्या लेना चाहते हो,
दिल य़ा जान.......!

3803
दिलके तड़पनेका,
कुछ तो सबब है आख़िर; 
या दर्दने करवट ली हैं,
या तुमने इधर देखा हैं.......।

3804
अब क्यूँ तकलीफ होती हैं,
तुम्हें इस बेरुखीसे...
तुम्हीं ने तो सिखाया हैं कि,
दिल कैसे जलाते हैं.......।

3805
साँस रुक जाए मगर,
आँखें कभी बंद हो...
मौत आए भी तो तुझे देखनेकी,
जिद खत्म हो.......!

19 January 2019

3796 - 3800 ज़माने ज़ज्बात सौदा माहिर कामयाब याद हकीकत दफन कब्र एहसास दिल शायरी


3796
सिमटते जा रहे हैं दिल,
और ज़ज्बातोंके रिश्ते...
सौदा करनेमें जो माहिर हैं,
बस वहीं कामयाब हैं.......!

3797
तुम भी अच्छे,
तुम्हारी याद भी अच्छी;
बुरे तो हम हैं,
जिनका दिल नहीं लगता तुम्हारे बिना...

3798
कई बार ये सोचके,
दिल मेरा रो देता हैं कि...
मुझे ऐसा क्या पाना था,
जो मैंने खुदको भी खो दिया...

3799
ज़मानेको बोल तो देता हूँ,
के भूल गया हूँ उसे...
पर हकीकत तो बस,
मुझे और मेरे दिलको पता हैं.......!

3800
दिलसे बड़ी कोई कब्र नही,
देखो ना.......
कोई ना कोई एहसास,
रोज दफन होता हैं.......!

18 January 2019

3791 - 3795 इश्क़ मोहब्बत नफ़रत दर्द शर्त याद तलाश पनाह मशहूर नाम एहसास खुशबू दिल शायरी


3791
भुला तो दूँ तेरे कहनेपें,
तुझको दिलसे मैं;
मगर ये शर्त हैं...
तुझको भी याद आऊँ मैं.......!

3792
मैं खुशबू--रुह हूँ,
मुझे रास्तोपें तलाश ना कर...
तेरे ही दिलके किसी कोनेमें,
पनाहगार हूँ मैं.......!

3793
दिलसे साफ थे,
तो गुमनाम थे;
तेरे इश्क़के दागने,
मशहूर कर दिया.......!

3794
एहसास बदल जाते हैं बस,
और कुछ नहीं;
वरना मोहब्बत और नफ़रत,
एक ही दिलसे होती हैं...!

3795
सुनसानसी लग रही हैं,
आज ये शायरोंकी बस्ती...
क्या किसीके दिलमें,
अब दर्द नहीं रहा.......!

17 January 2019

3786 - 3790 बेचैनि जहान रिश्ता जुबां फ़िक़्र ज़िक्र क़ब्र दफ़न एहसास खुशबू दिल शायरी


3786
हर चीज़ ले लेते हो दिलपर,
बस मुझे छोड़कर.......

3787
बेचैनियाँ समेटकर,
सारे जहानकी...
जब कुछ बना सका,
तो मेरा दिल बना दिया...

3788
आज फिर दिल,
दिमागके करीब हो गया...
आज फिर एक रिश्ता,
गरीब हो गया.......

3789
दिलमें तेरी ही यादें हैं,
जुबांपें तेरा ही ज़िक्र हैं;
मैं कहता हूँ ये इश्क़ हैं,
तू कहती हैं बस फ़िक़्र हैं...!

3790
इस दिलसे बड़ी,
कोई क़ब्र नहीं हैं...l
रोज़ कोई ना कोई,
एहसास दफ़न होता हैं...ll

3781 - 3785 ज़िन्दगी तलाश चाहत याद दुश्मन चुनाव दुआ नूर इबादत रिश्ता दर्द दिल शायरी


3781
दिलमें चाहतका होना जरूरी हैं...
वरना,
याद तो रोज दुश्मन भी करते हैं...!

3782
हर शाम उड़ते परिंदोंको देखकर
दिलसे ये दुआ निकलती हैं...!
की घर किसीका उजड़े,
ज़िन्दगी तलाश करते - करते...!

3783
"इतना आसान नहीं
खुदाकी इबादत करना,
दिलसे गुरुर जायेगा
तभी नूर आयेगा।"

3784
कितना दूर निकल गए रिश्ते निभाते निभाते,
खुदको खो दिया हमने अपनोंको पाते पाते;
लोग कहते हैं दर्द हैं मेरे दिलमें,
और तुम थक गए मुस्कुराते मुस्कुराते...

3785
काश के दिलोंका भी,
चुनाव होता यारो 
साला पता तो चलता,
किसके दिलमें कितने रहते हैं ।।

15 January 2019

3776 - 3780 मुहोब्बत ज़िन्दगी आँख साँस दाँव लफ़्ज़ हाल खामोशी दीवाना अंजान दिल शायरी


3776
सुना हैं, दिलसे याद करो तो,
खुदा भी जाता हैं...
हमने तो साँसोंको भी दाँवपें लगा दिया,
फिर भी अकेले रहे.......

3777
ज़िन्दगीमें एक ऐसे,
इंसानका होना बहुत ज़रूरी हैं...
जिसको दिलका हाल बतानेके लिए,
लफ़्ज़ोंकी जरुरत पड़े.......

3778
खामोशी बहोत कुछ कहती हैं...
कान लगाकर नहीं,
दिल लगाकर सुनो.......

3779
मुहोब्बत ज़िन्दा हैं,
अभी हम जैसे दीवानोंसे...
कौन दिल लगाता हैं,
वरना आज अंजानोंसे.......

3780
मुहोब्बत खुद बताती हैं,
कहाँ किसका ठिकाना हैं;
किसे आँखोंमें रखना हैं,
किसे दिलमें बसाना हैं...

14 January 2019

3771 - 3775 इश्क महफूज रूह बेबस दुनिया धुंध लापता याद दहलीज मुस्कुरा आँख दिल शायरी


3771
इश्क वो खेल नहीं,
जो छोटे दिलवाले खेलें;
रूह तक काँप जाती हैं,
सदमे सहते-सहते...!

3772
सो जा दिल,
आज धुंध बहुत हैं... तेरे शहरमें... 
अपने दिखते नहीं और,
जो दिखते हैं वो अपने नहीं...।

3773
सुनो ये दिल भी,
बड़ी बेबस चीज़ हैं...
देखता सबको हैं...!
पर ढूँढता सिर्फ उन्हीको हैं.......!

3774
दिलसे ज्यादा महफूज, 
कोई जगह नहीं दुनियामें...
मगर सबसे ज्यादा लोग,
लापता यहींसे होते हैं...!

3775
तेरी याद दिलकी दहलीजपर,
फिरसे गयी...
कुछ देर मुस्कुरायी फिर,
मेरी आँखें भिगा गयी.......

3766 - 3770 झलक तरस सुकून चहेरे दर्द कफ़न जमाना ख्वाब चोट बिछड़ना ख़ुशी दिल शायरी


3766
उसकी एक झलकके लिये,
दिल बार बार तरसता था...
सुकूनके मामलेमें,
वो जमाना सस्ता था...!

3767
कितना दर्द हैं दिलमें दिखाया नहीं जाता,
गंभीर हैं किस्सा सुनाया नहीं जाता...
एक बार जी भरके देख लो इस चहेरेको,
क्योंकि बार-बार कफ़न उठाया नहीं जाता...l

3768
दिलके सागरमें लहरें उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो;
बहुत चोट लगती हैं मेरे दिलको,
तुम ख्वाबोमें आकर युँ तडपाया ना करो...

3769
हमें ख़ुशी मिल भी गयी...
तो रखेंगे कहाँ हम;
आँखोंमें हसरतें हैं,
और दिलमें तुम ही तुम...!!!

3770
खुदको मेरे दिलमें ही,
छोड़ गए हो,,,
तुम्हे तो ठीकसे,
बिछड़ना भी नहीं आता...!!!

12 January 2019

3761 - 3765 मोहब्बत दीवाने चेहरे दर्द मासूम शख्स महफ़िल तन्हाई मिजाज अंदाज दिल शायरी


3761
दिल मेरा अब पहले सा,
मासूम नहीं रहा;
पत्थर तो नहीं बना लेकिन,
अब मोम भी नहीं रहा ...!!!

3762
मुझे रिश्तोंकी,
लम्बी कतारोंसे मतलब नहीं...
कोई दिलसे हो मेरा,
तो एक शख्स ही काफी हैं...!

3763
इस कदर मोहब्बतका,
जूनून मुझ दीवानेमें हैं...
कल ही जमानत हुई थी,
आज फिर दिल थानेमें है...!

3764
महफ़िलमें हँसना,
हमारा मिजाज बन गया l
तन्हाईमें रोना,
एक राज बन गया l
दिलके दर्दको चेहरेसे,
जाहिर होने दिया l
बस यही जिंदगी जीनेका,
अंदाज बना दिया ...ll

3765
बुजदिल हैं वो लोग,
जो मोहब्बत नहीं करते...
बहुत हौसला चाहिए,
बरबाद होनेके लिए.......!

11 January 2019

3756 - 3760 इन्तजार लम्हे ज़ुल्फ आँख यकीन हसरत रिश्ता पैगाम धड़क दिल शायरी


3756
उसकी ज़ुल्फोमें,
बात ही कुछ ऐसी हैं...
अगर दिल देते तो,
जान चली जाएगी.......!

3757
उसकी आँखोंका खुमार,
उफ्फ... तौबा !
यकीन करो दिल ना देते तो,
ये जान चली जाती.......!

3758
"कैसा अजीब रिश्ता हैं ये,
दिल आज धोखेमें हैं...
और धोखेबाज,
आज भी दिलमें हैं.......!"

3759
दिलकी सारी हसरतोंको,
आराम मिल जाए...
गर उनके आनेका कोई,
पैगाम मिल जाए.......!

3760
इन्तजारके लम्हे भी,
कितने अजीब होते हैं...
सीनेकी जगह,
आँखोंमें दिल धड़कता हैं.......!

10 January 2019

3751 - 3755 इश्क जोश ख़ून दर्द मौसम गुलाम नवाब ख्वाहिशों नादान हसरत गुमान दिल शायरी


3751
हैं इश्क भी, जूनून भी,
मस्ती भी जोश--ख़ून भी...
कहीं दिलमें दर्द, कहीं आह सर्द,
कहीं रंग जर्द.......!

3752
मेरे दिलको कोई पढ सका...
और मैं खूद, खूदसे लढ सका.....

3753
मौसम बहुत सर्द हैं,
दिल,
चलो कुछ ख्वाहिशोंको...
आग लगायें.......!!!

3754
सिर्फ तेरे इश्ककी,
गुलामीमें हूँ आज भी;
वरना ये दिल,
एक अरसे तक नवाब रहा हैं...!

3755
इक छोटीसी ही तो हसरत हैं,
इस दिल-ए-नादानकी...
कोई चाह ले इस कदर,
कि खुदपर गुमान हो जाए...!!!