11 February 2019

3901 - 3905 ख्वाहिश हैरत रिश्ता शख्स तलाश सुबह जिंदगी खुबसुरत जिक्र याद रात शायरी


3901
मैं हर रात सारी ख्वाहिशोंको,
खुदसे पहले सुला देता हूँ...
हैरत यह कि हर सुबह ये,
मुझसे पहले जाग जाती हैं...!


3902
दिनसे रिश्ता हैं,
रातसे रिश्ता हैं;
हर शख्सका इस दुनियामें...
हालातसे रिश्ता हैं.......

3903
ना जाने किस रैन बसेरेकी,
तलाश हैं इस चाँदको;
रातभर बिना कम्बल,
भटकता रहता हैं इन सर्द रातोंमें !

3904
हम तुझे कैसे बताएँ,
तुझमें क्या क्या बात हैं,
तू सुबह हैं,
दोपहर हैं,
शाम भी हैं,
रात हैं.......!

3905
जिंदगी बहोत खुबसुरत होती,
अगर...
रात रात होती,
तुम्हारा जिक्र ना होता,
और तुम्हारी याद होती...

10 February 2019

3896 - 3900 सोच ग़म रोऐं दीवार बात प्यार वज़ह परेशान वादा रात शायरी


3896
सोचता हूँ कि,
कुछ ऐसा लिख दूँ...
जिसे पढ़कर वो रोऐं भी ना...!
और रातभर सोयें भी ना.......!

3897
कल रात मैने अपने सारे ग़म,
कमरेकी दीवारपर लिख डाले;
बस फिर हम सोते रहे और...
दीवारे रोती रहीं.......

3898
आज भी गर तुमसे,
मेरी बात हुई,
समझो कि मेरे लिए,
आज रात हुई...

3899
ये रात हमसे बहुत,
प्यार करती हैं...
सबको सुलाकर हमसे,
अकेलेमें बात करती हैं...

3900
बेवज़ह परेशान हूँ रातमें,
मिलनेका वादा तो उसने,
कभी किया ही नहीं.......

9 February 2019

3891 - 3895 खुशबू लफ़्ज़ चाँद इन्तज़ार शाम गायब दिल नींद रात शायरी


3891
"लगता हैं मेरी नींदका,
किसीके साथ चक्कर चल रहा हैं...
सारी-सारी रात,
गायब रहती हैं.......!"

3892
शाम कबकी ढल चुकी हैं,
इन्तज़ारमें...
अब भी अगर  ज़ाओ तो,
ये रात बहुत हैं.......!

3893
"तुझे मैं चाँद कहूँ,
ये मुमकिन तो हैं...!
मगर लौग तुम्हे रातभर दैखें...
ये मुझे गँवारा हीं.......

3894
उमरें लगी कहते हुए
दो लफ़्ज़ थे एक बात थी.......
वो एक दिन, सौ सालका,
सौ सालकी वो रात थी.......

3895
रातभर ये मोगरेकी,
खुशबू कैसी थी...
अच्छा ! तो तुम आये थे,
नींदोंमें मेरे ?
                              ग़ुलज़ार

8 February 2019

3886 - 3890 खूबसूरत आँखें पलक आरजु फ़रिश्ते उसूल दिल नींद रात ख्वाब शायरी


3886
किसीने मुझसे कहाँ,
आपकी आँखें बहुत खूबसूरत हैं...!
मैने कहाँ, ये रोज आपका...
ख्वाब जो देखती हैं.......!

3887
हैं आरजु एक रात,
तुम आओ मेरे ख्वाबमें...
बस दुवा हैं उस रातकी,
कभी सुबह ना हो.......!

3888
नींद भी बुरा मानने लगी हैं,
जबसे खुली पलकोंसे,
तुम्हारे ख्वाब देखने लगे हैं.......!

3889
उस रात गरीब माँने,
यह कहके बच्चोंको सुला दिया;
फ़रिश्ते ख्वाबमें आते हैं,
रोटियाँ लेकर.......

3890
चादरसे पैर,
तभी बाहर आते हैं...
जब 'उसूलों' से बड़े,
'ख्वाब' हो जाते हैं.......

7 February 2019

3881 - 3885 हिसाब जिंदगी याद ख्याल मोहब्बत गम तन्हाई आँखें पलक नींद रात ख़्वाब शायरी


3881
ख़्वाब, ख्याल, मोहब्बत...
हकीकत, गम और तन्हाई;
जरा सी उम्र मेरी...
किस किस के साथ गुजर गई.......

3882
जी तो करता हैं,
कि उनके ख़्वाब भी ना देखुँ...
पर क्या करूँ...
ये भी तो इक ख़्वाब ही हैं...!!!

3883
कभी तुम्हारी याद आती हैं,
तो कभी तुम्हारे ख़्वाब आते हैं...
मुझे सतानेके तुम्हे,
तरीक़े तो बेहिसाब आते हैं.......!

3884
हर कोई मुझे जिंदगी जीनेका,
तरीका बताता हैं
उन्हे कैसे समझाऊ की,
एक ख़्वाब अधुरा हैं मेरा...
वरना जीना तो मुझे भी आता हैं...!

3885
देखकर आँखें मेरी,
एक फकीर युँ कहने लगा...
पलकोंपर बरखुदार,
ख़्वाका वजन कुछ कम कीजिये...

6 February 2019

3876 - 3880 दिल किताब प्यार खूबसूरत जबाब वादा रोशनी आँखें नींद रात ख़्वाब शायरी


3876
दिलकी किताबमें गुलाब उनका था,
रातकी नींदमें ख़्वाब उनका था,
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जाएंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था !

3877
मैं नींदका शोकीन ज्यादा तो हीं...
लेकिन उनके ख़्वाब ना देखूँ तो...
गुजारा हीं होता.......!

3878
तुमने वादा तो किया था,
ख़्वाबमें मिलनेका...
और ख़ुशीके मारे हमें,
नींद ही नहीं आयी.......!

3879
दिनभरकी थकान अब मिटा लीजियॆ,
हो चुकी हैं रात रोशनी बुझा लीजिए
एक खूबसूरत ख़्वाब राह देख रहा हैं आपका,
बस पलक़ोंका पर्दा गिरा लीजिए...

3880
ख़्वाब तो सब मीठे देखे थे,
ताज्जुब हैं.......!
आँखोंका पानी खारा कैसे हो गया.......?

5 February 2019

3871 - 3875 दिल मोहब्बत हकीकत तकदीर ख्वाहिशे जन्नत खूबसूरत कहानी बारिश ख़्वाब शायरी


3871
"ख़्वाबसे निकलकर,
हकीकतके मोड़पर;
तू कभी मुझसे मिल तो सही...
मोहब्बत ओढ़कर...!"

3872
मुझे मालूम हैं कि ये ख़्वाब झूठे हैं,
और ख्वाहिशे अधूरी हैं;
मगर जिन्दा रहनेके लिए,
कुछ गलतफहमियाँ भी जरूरी हैं...

3873
क्या पानीपे लिखी थी,
मेरी तकदीर मेरे मालिक...
हर ख़्वाब बह जाता हैं,
मेरे रंग भरनेसे पहले ही.......

3874
सितारोंसे भरी इस रातमें,
जन्नतसे भी खूबसूरत ख़्वाब आपको आये;
इतनी हसीन हो आने वाली सुबहकी,
मांगनेसे पहले ही आपकी हर मुराद पूरी हो जाये...

3875
एक ख़्वाबने आँखें खोली हैं,
क्या मोड़ आया हैं कहानीमें...!
वो भीग रही हैं बारिशमें,
और आग लगी हैं पानीमें...!!!

4 February 2019

3866 - 3870 दर्द आस जिंदगी शिकायत परिंदा राज आशियाँ जिगर अहसास नादान शैतान दिल शायरी


3866
हर पल मुस्कुराओ, बड़ी खास हैं जिंदगी;
क्या सुख क्या दुःख, बड़ी आस हैं जिंदगी;
ना शिकायत करो, ना कभी उदास हो;
जिंदा दिलसे जीनेका, अहसास हैं जिंदगी...!

3867
निकाल लाया हूँ,
पिंजरेसे इक परिंदा...
अब परिंदेके दिलसे,
पिंजरा निकालना हैं...!

3868
आशियाँ बस गया जिनका, उन्हें आबाद रहने दो;
पड़े जो दर्द भरे छाले, जिगरमें यूँ ही रहने दो;
कुरेदो ना मेरे दिलको, ये अर्जी हैं जहां वालों;
छिपा हैं राज अब तक जो, राजको राज रहने दो...।

3869
कर जाते हैं शरारत क्योंकि थोड़े शैतान हैं हम,
कर देते हैं ग़लती क्योंकि इंसान हैं हम,
ना लगाना हमारी बातोंको क़भी दिलसे,
आपको तो पता हैं ना कितने नादान हैं हम !

3870
हाले दिल बतानेकी जरूरत ही ना हो कभी,
बस बिन बोले ही कोई समझ जाए कभी,
ऐसी दिल्लगी हमे क्या नसीब होगी कभी...
                                                        भाग्यश्री

3861 - 3865 कसर मिज़ाज बात शख़्स कहानियाँ ग़म यार दिल शायरी


3861
छोडो ना यार...
क्या रखा हैं सुनने और सुनानेमें,
किसीने कसर नहीं छोङी,
दिल दुखानेमें...

3862
यूँ ही अपने मिज़ाजको,
चिड़चिड़ा कीजिये;
कोई बात छोटी करे तो,
दिल बड़ा कीजिये...

3863
संभालकर रखना उन्हे,
जो दिलमें उतर जाये;
और,
संभलकर रहना उनसे,
जो दिलसे उतर जाये...

3864
हम उसको सुनाते रहे,
ग़मकी कहानियाँ दोस्तों...
वो शख़्स कानसे नहीं,
दिलसे भी बहरा था...

3865
झुकना जरुर,
लेकिन सिर्फ उनके सामने;
जिनके दिलमें आपको,
झुकता देखनेकी जिद ना हो...

2 February 2019

3856 - 3860 रूह कब्जा अदा अरमान रिश्ता हद नजर आसन तन्हाई दस्तक दिल शायरीहैं


3856
कभी - कभी यूँ ही चले आया करो,
दिलकी दहलीजपर...
अच्छा लगता हैं,
यूँ तन्हाईयोंमें तुम्हारा दस्तक देना....!

3857
रुक जाती हैं नजर,
एक हदके बाद...
दिल करता हैं जहाँ तुम हो,
बस वहाँ तक देखूँ...!!!

3858
तेरे सिवा कोई भी नाम,
पसन्द नही दिलको;
कुछ इस तरहसे,
कब्जा किया हैं अदाओंने तेरी...!

3859
दिलमें हर किसीका अरमान नहीं होता,
हर कोई दिलका मेहमान नहीं होता,
एक बार जिसकी आरजू दिलमें बस जाती हैं,
उसे भुला देना इतना आसन नहीं होता...!

3860
रिश्ता हो तो,
रूहसे रूहका हो...
दिल तो अक्सर एक दूसरेसे,
भर जाया करते हैं.......!