7766
नफ़रतक़ा ख़ुद क़ोई,
वज़ूद नहीं होता...l
ये तो मोहब्बतक़ी,
ग़ैर मौज़ूदग़ीक़ा नतीज़ा हैं...ll
7767आपक़ी याद मेरी ज़ान हैं lशायद इस हक़ीक़तसे,आप अंज़ान हैं lमुझे ख़ुद नहीं पता क़ी,मेरा वज़ूद क़्या हैं lशायद आपक़ा प्यार ही,मेरी पहचान हैं ll
7768
अपने वज़ूदपें इतना तो,
यक़ीन हैं हमें कि...
क़ोई दूर तो हो सक़ता हैं हमसे,
पर हमें भूल नहीं सक़ता.......!
7769तेरी निग़ाह-ए-नाज़में,मेरा वज़ूद-बे-वज़ूद...मेरी निगाह-ए-शोक़में,तेरे सिवा क़ोई नहीं...!!!
7770
वो लफ्ज़ कहाँसे लाऊं,
ज़ो तेरे दिलक़ो मोम क़र दें ;
मेरा वज़ूद पिघल रहा हैं,
तेरी बेरूख़ीसे.......ll