3131
ज्यादा ख्वाहिशें नहीं,
ऐ ज़िंदगी तुझसे...
बस़ ज़िंदगीका अगला
लम्हा,
पिछलेसे बेहतरीन
हो.......!
3132
हर साँसमें
उनकी याद होती
हैं,
मेरी आँखोंको उनकी
तलाश होती हैं,
कितनी खूबसूरत हैं चीज
ये मोहब्बत...
कि दिल धड़कनेमेंभी उनकी
आवाज होती हैं !
3133
मेरी जिन्दगीमें दखलंदाजीकी आदत,
गयी
नही तुम्हारी...
साँसोंमें रूकावट
डालते हो,
हिचकियाँ बन-बनकर.......।
3134
जो इस दुनियाँमें नहीं मिलते,
वो फिर किस
दुनियाँमें मिलेंगे
जनाब...
बस यही सोचकर
रबने,
एक दुनियाँ बनायी,
जिसे कहते
हैं ख्वाब...!
3135
एक ज़ख्म नहीं,
यहाँ तो सारा
वजूद ही ज़ख्मी
हैं...
दर्द भी हैरान
हैं कि,
उठूँ तो कहाँसे उठूँ.......!