8 August 2018

3131 - 3135 दिल मोहब्बत दुनियाँ ख्वाहिशें लम्हा धड़कन ज़ख्म दर्द शायरी आँख साँस आवाज तलाश याद ख्वाब हिचकि वजूद शायरी



3131
ज्यादा ख्वाहिशें नहीं,
ज़िंदगी तुझसे...
बस़ ज़िंदगीका अगला लम्हा,
पिछलेसे बेहतरीन हो.......!

3132
हर साँसमें उनकी याद होती हैं, 
मेरी आँखोंको उनकी तलाश होती हैं, 
कितनी खूबसूरत हैं चीज ये मोहब्बत... 
कि दिल धड़कनेमेंभी उनकी आवाज होती हैं !

3133
मेरी जिन्दगीमें दखलंदाजीकी आदत,
गयी नही तुम्हारी...
साँसोंमें रूकावट डालते हो,
हिचकियाँ बन-बनकर.......

3134
जो इस दुनियाँमें नहीं मिलते,
वो फिर किस दुनियाँमें मिलेंगे जनाब...
बस यही सोचकर रबने,
एक दुनियाँ बनायी,
जिसे कहते हैं ख्वाब...!

3135
एक ज़ख्म नहीं,
यहाँ तो सारा वजूद ही ज़ख्मी हैं...
दर्द भी हैरान हैं कि,
उठूँ तो कहाँसे उठूँ.......!

7 August 2018

3126 - 3130 दिल वफ़ा दर्द आँख आँसू संभल खैरियत तकलीफ मौत शायरी


3126
हीं बह जाऊ दिल,
तू संभलना जरा...
सुना हैं आज इन गलियोंमें,
वो फिरसे आये हैं...!!!

3127
वफ़ा सीखनी हैं,
तो मौतसे सीखो;
जो एक बार अपना बना ले,
फिर किसीका होने नहीं देती...!

3128
तेरे हर दर्दको अपना बनालुँ ।
तेरी हर तकलीफको सिनेसे लगालुँ 
मुझे करनी हीं आती चोरी 
वरना तेरे आँखोंसे आँसुकी बुंदे चुरालुँ ।

3129
आँखोंमें आँसू हैं,
फिर भी दर्द सोया हैं...!
देखने वाले क्या जानेकी,
हँसने वाला कितना रोया हैं.......!

3130
तुम अगर चाहो तो,
पूछ लिया करो खैरियत हमारी...
कुछ हक़ दिए हीं जाते,
ले लिए जाते हैं.......!

6 August 2018

3121 - 3125 प्यार ज़िन्दगी सफ़र शिकायत दर्द धडकने कतारें रूमाल हसरतें ‪हुनर उलझन बेवफा शायरी


3121
यूँ तो  ज़िन्दगी,
तेरे सफ़रसे शिकायतें बहुत थीं
मगर...
जब दर्द दर्ज कराने पहुंचे,
तो कतारें बहुत थीं.......!

3122
मुस्कुराती जेबोंमें अक्सर,
गिले रूमाल मिलते हैं...
हसरतेंछुपानेके हुनर उनमें,
कमाल मिलते हैं.......!

3123
बहूत प्यारसे पेश रही हैं,
ज़िन्दगी आजकल हमसे...
लगता हैं फिर कोई नया दर्द,
मिलने वाला हैं ज़िन्दगीमें.......!

3124
बडी उलझनमें थे,
धडकने थम क्यूँ जाती हैं;
आपने सिनेसे लगाया,
तो बात समझ आयी...

3125
जाने लोग हमे,
बेवफा क्यूँ कहेते हैं;
हम तो आज भी,
उनकी परछाईसे प्यार करते हैं...!

5 August 2018

3116 - 3120 दिल इश्क़ मुहब्बत धडकन बेचैन तड़प वजूद निगाहें दीदार रुखसार चाहत ख्वाब नकाब सुरूर लफ़्ज़ वजह शायरी


3116
धड़कने मेरी बेचैन रहती हैं,
क्यूँकि तेरे बग़ैर...
यह धड़कती कम हैं,
और तड़पती ज़्यादा हैं.......!

3117
तरस गई हैं निगाहें
उनके दीदार-ए-रुखसारको।
और वो हैं की ख्वाबोमें भी
नकाबमें आते हैं...।।

3118
अर्ज किया हैं,
नींद मेरी ------- ख्वाब तेरे,
दिल मेरा ------- चाहत तेरी,
वजूद मेरा ------- सुरूर तेरा,
उसपर तेरा कहना ------- जहां हो खुश रहो...
तुम्हीं बताओ ------- क्या खाक जी पाएगें हम.......

3119
बेवजह कुछ नहीं...
ना लफ़्ज़ मेरे,
ना इश्क़ मेरा.......!!!!!

3120
बेवजह हो गयी,
तुमसे इतनी मुहब्बत;
चलो ... अब वजह बन जाओ,
जीनेकी.......!!!

4 August 2018

3111 - 3115 दिल रिश्ता नींद लाश अक्सर आईना नसीब दायाँ बायाँ नज़र गरीब शायरी


3111
मिट जाते हैं अक्सर,
औरोंको मिटानेवाले...
लाश कहाँ रोती हैं...?
रोते हैं जलाने वाले.......!

3112
रहो सबके दिलमें ऐसे कि,
जो भी मिले तुम्हें अपना समझे;
बनाओ सबसे रिश्ता ऐसा कि,
जो भी मिले फिरसे मिलनेको तरसे l

3113
एक नींद हैं...
जो रातभर नहीं आती;
एक नसीब हैं...
जो जाने कबसे सो रहा हैं.......

3114
आईना भी भला,
कब किसीको सच बता पाया हैं;
जब भी देखो,
दायाँ तो बायाँ ही नज़र आया हैं...!

3115
छिन लेता हैं,
मुझसे तू हर चीज हैं, खुदा,
पता ना था...
तू इतना गरीब हैं !!!

3 August 2018

3106 - 3110 इश्क साथ बात बारीश ख़्वाब लम्हा समझते भूल लुफ्त मौत जुदाई रिश्ते विश्वास खत्म धोखे शायरी


3106
कुछ तुम कहो, कुछ हम कहे,
आओ हम साथमें कहते सुनते;
सुनते कहते इन बातोंकी...
बारीशमें भीग जाए।

3107
मेरा तुझसे मिलना...
मेरे लिए ख़्वाब हीं,
पर... ;
मैं तुझे भूल जाऊ,
ऐसा लम्हा मेरे पास हीं...

3108
लुफ्त--इश्क,
सिर्फ वो ही समझते हैं...
दिल जिनके धडकते नहीं,
सुलगते हैं.......!

3109
ना जाने मेरी मौत कैसी होगी!
पर ये तय हैं;
तेरी जुदाईसे,
बेहतर होगी.......!

3110
ये रिश्ते भी अजीब होते हैं...
बिना विश्वासके शुरू नहीं होते,
और बिना धोखेके,
खत्म नहीं होते.......!

2 August 2018

3101 - 3105 दिल मोहब्बत अजीब आवाज़ एहसान नफरत ठोकर किस्मत बारीश ख्वाहिश पलके कशमकश शायरी


3101
अजीब शर्त रख दी,
दिल-दारने मिलनेकी,
सूखे पत्तोंपर चल कर आना,
और आवाज़ भी हो.......

3102
बडा एहसान हैं,
तेरी नफरतोंका मुझपें;
ऐसी ठोकर लगी की,
चलना सिखा दिया।

3103
छोड दो ठोकरमें मुझको यारो,
साथ मेरे रहकर क्या पाओगे;
अगर हो गई आपको भी मोहब्बत कभी,
मेरी तरह तुम भी पछताओगे...

3104
किस्मतकी बारीश,
कुछ ऐसी होती हीं मुझपर की...
ख्वाहिशें सुखती हीं और,
पलके भिगती हीं

3105
हीं होकर भी नहीं हूँ,
कहीं होकर भी हूँ...
बड़ी कशमकशमें हूँ कि,
कहाँ हूँ और कहाँ नहीं हूँ !!!

1 August 2018

3096 - 3100 दिल प्यार आदत इंतज़ार अहसास अहमियत इल्ज़ाम दर्द काँटें ज़ख्म अजीब शर्त नजाकत आँख शरारत करीब निशानी शायरी


3096
किसीके लिये किसीकी,
अहमियत खास होती हैं;
एकके दिलकी चाबी,
हमेशा दूसरेके पास होती हैं !

3097
इल्ज़ाम तो हर हालमें,
काँटोंपें ही लगेगा;
ये सोचकर अक्सर फूल भी,
चुपचाप ज़ख्म दे जातें हैं !

3098
"मिलनेकी उसने,
अजीब शर्त रखी थी !
काटोंपें चलके आओ,
मगर खून निकले !!!"

3099
दूर रहकर करीब रहना,
नजाकत हैं मेरी...
याद बनकर आँखोंसे बहना,
शरारत हैं मेरी...
करीब ना होते हुए भी,
करीब पाओगे;
क्योकि...
अहसास बनकर दिलमें रहना,
आदत हैं मेरी.......

3100
इस बहते दर्दको मत रोको,
यह तो सज़ा हैं किसीके इंतज़ारकी...
लोग इन्हे आँसू कहे या दीवानगी...
पर यह तो निशानी हैं किसीके प्यारकी !!!

31 July 2018

3091 - 3095 प्यार एहसास दर्द मुस्कान रिश्ते जुबां खंजर जख्म सड़क कत्ल सुकून शायरी


3091
मेरा दर्द तो...
सिर्फ मेरा खुदा जानता हैं;
तुमने तो सिर्फ...
मेरी मुस्कान देखी हैं...!

3092
गिरी मिली सड़कपर,
एक बोतल शराबकी,
तो ऐसा लगा जैसे...
बिखरा पड़ा था,
एक रातका...
सुकून किसीका !!!

3093
जरासी जेब क्या फटी...?
सिक्कोंसे ज्यादा
रिश्ते गिर पडे.......

3094
जुबां तीखी हो...
तो खंजरसे गहरा जख्म देती हैं;
और मीठी हो,
तो वैसे ही कत्ल कर देती हैं.......

3095
प्यार वो प्यारा एहसास हैं,
जिसमें...
हम खुदको भुला देते हैं,
किसी औरके लिए.......!

30 July 2018

3086 - 3090 इश्क आँसू होंठ ख्वाब आँख नींद तकलीफ वक़्त मुख़्तसर उम्र नादान एहसास शायरी


3086
आँसू निकल पडे ख्वाबमें,
उनको दूर जाते देखकर;
आँख खुली तो एहसास हुआ,
इश्क सोते हुए भी रुलाता हैं...

3087
नींद तो रोज़,
अपने वक़्तपर जाती हैं...
अक्सर आँखोंको ही,
देर हो जाती है सोनेमें.......!!!

3088
तुझसे नहीं,
वक़्तसे नाराज हूँ मैं...
जो मेरे लिए,
तुम्हे कभी वक़्तपर मिला ही नहीं...

3089
मुख़्तसरसी बात कहनेमें,
कितनी तकलीफ उठा रखी हैं...
तूने आँखोंमें छिपा रखी हैं,
मैने होंठोपें दबा रखी हैं.......

3090
उम्र कहती हैं अब,
संजीदा हुआ जाये!
मन कहता हैं, उम्र खत्म हो रही हैं,
नादानियाँ कुछ और कर लें !!!

28 July 2018

3081 - 3085 परवाह विश्वास रिश्ते वक़्त झुठे पत्थर वाकिफ़ फासला अजीज घाव लगाव कड़वा लहजे जुबां कसूर वज़ीर शायरी


3081
उनकी 'परवाह' मत करो,
जिनका 'विश्वास' " वक़्त " के साथ बदल जाये.
'परवाह' सदा 'उनकी' करो,
जिनका 'विश्वास' आपपर तब भी रहे,
जब आपका  वक़्त  बदल जाये l

3082
झुठे हैं वो जो कहते हैं...
हम सब मिट्टीसे बने हैं,
मैं कई अपनोंसे वाकिफ़ हूँ,
जो पत्थरके बने हैं...!

3083
चंद फासला रखिए,
रिश्तोंके दरमियान..
बदलने वाले अक्सर
बेहद अजीज ही हुआ करते हैं..!!

3084
"चंद फासला जरूर रखिए 
हर रिश्तेके दरमियान!
क्योंकि"नहीं भूलती दो चीज़ें 
चाहे जितना भुलाओ....!...
..एक "घाव"और दूसरा "लगाव"...
बेअदबी नीमकी नहीं कि वो कड़वा हैं...

3085
खुदगर्ज़ जुबांको केवल मीठा ही पसन्द हैं...
तरक्कीकी फसल हम भी काट लेते,
थोडेसे तलवे अगर हम भी चाट लेते...
हाँ ! बस मेरे लहजेमें जी हुजूर न था,
इसके अलावा मेरा कोई कसूर न था..
अगर पलभर को भी मैं बे-जमीर हो जाता,
यकीन मानिए, मैं कबका वज़ीर हो जाता...l

3076 - 3080 मोहब्बत रुह ख्वाइशें आसमान चाँद पुकार खबर मौसम ताल्लुक कमजोरी वजह बारिश शायरी


3076
मेरी ख्वाइशें तो,
आसमानतक पहुचनेकी हैं ...
पर मेरा चाँद ही,
धरतीपर हैं.........

3077
मैं क्यों पुकारू तुझे,
कि लौट भी आओ...
तुझे भी तो खबर हैं कि,
मेरे पास कुछभी नहीं तेरे सिवा…

3078
मोहब्बत रुहमें,
उतरा हुआ मौसम हैं जनाब...
ताल्लुक कम करनेसे,
मोहब्बत कम नहीं होती...!

3079
तेरी कमी आज भी कोई पूरी नहीं कर
सकता...
पता नहीं वजह तेरी खूबी हैं या मेरी
कमजोरी...

3080
जरा ठहरो के बारिश हैं,
ये थम जाएँ तो फिर जाना...
किसीका तुमको छू जाना,
मुझे अच्छा नहीं लगता...