15 June 2017

1396 दिल झलक तरस खुशकिस्मत दीदार शायरी


1396

झलक, Glimpse

तेरी इक झलक पानेको,
तरस जाता हैं दिल मेरा...!
खुशकिस्मत हैं वो लोग,
जो तेरा दीदार रोज करते हैं...!

To get a glimpse of you,
My heart yearns...!
Lucky are those people,
Who see you every day...!

13 June 2017

1395 रूह तड़प मोहब्बत खुश जिस्म शायरी


1395

तड़प, Suffer

खुश तो वो रहते हैं जो,
"जिस्मों" से मोहब्बत करते हैं ...
क्युँकि...
"रूह" से मोहब्बत करने वालोंको अक्सर ...
"तड़पते" ही देखा हैं...

Happy are those who
Love "Bodies"...
Because...
Those who love "Soul" often...
Have seen only "Suffering"...

1394 जिंदगी सजा वक़्त यादें शायरी


1394

यादें, Memories

सजा बन जाती हैं,
गुजरे हुए वक़्तकी यादें...
न जाने क्यों छोड़ जानेके लिए,
जिंदगीमें आते हैं लोग......

Becomes a punishment,
Memories of times gone by...
Don't know why to leave,
People come into life...

1393 बोल सब रोना शायरी


1393

रोना, Crying

हमने उन्हें कहां की,
तुम नहीं होते तो रोना आता हैं...
वो बोले रोते तो सब हैं,
क्या मैं सबका हो जाऊँ...

I told him that,
When you are not there I feel like crying...
He said, everyone cries.
Should I be everyone's...

1392 ज़िंदगी वक़्त मंज़िल तज़ुर्बा शायरी


1392

तज़ुर्बा, Experience

क्यों डरें कि ज़िंदगीमें क्या होगा;
हर वक़्त क्यों सोचें कि बुरा होगा;
बढ़ते रहें मंज़िलोंकी ओर हम;
कुछ ना मिला तो क्या हुआ,
तज़ुर्बा तो नया होगा...।

Why be afraid of what will happen in life;
Why think all the time that bad will happen;
Let us keep moving towards our destination;
What if nothing is found?
The experience will be new...

1391 रूह घर मतलब मय्यत शायरी


1391
अपने मतलबके अलावा,
कौन किसीको पूछता हैं,
बिना रूहके तो घर वाले,
मय्यतको भी नहीं रखते...

12 June 2017

1390 सवाल जवाब मिट्टी फूल शायरी


1390

सवाल जवाब, Question Answer

आजकल सवाल ही सवाल खिलते हैं,
फूलोंकी तरह . . . ,
जवाब गुम-सुमसे मिट्टीमें,
दबे रहते हैं . . . !

These days questions keep blooming,
Like flowers. . . .
The answer is lost in the dust,
Remain buried. . . .

1389 मुस्कुरा आँखें दर्द बात शायरी


1389
कभी मुस्कुराती आँखें भी,
कर देती हैं कई दर्द बयाँ,
हर बातको रोकर ही बताना,
जरूरी तो नहीं ...

1388 ज़िंदगी ख्वाब सवाल जवाब झूठा अपना पराया चेहरे नकाब शायरी


1388
ज़िंदगी जीनेको एक यहाँ ख्वाब मिलता हैं,
यहाँ हर सवालका झूठा जवाब मिलता हैं,
किसे समझे अपना किसे पराया,
यहाँ हर चेहरेपें एक नकाब मिलता हैं !

1387 जिंदगी अलविदा पनाह दुआ शायरी


1387
सोया तो था मैं,
जिंदगीको अलविदा कहकर दोस्तो…
किसीकी बे-पनाह दुआओने मुझे,
फिरसे जगा दिया…

1386 पता दर्द कर्ज शायरी


1386
तुम्हे क्या पता,
किस दर्दमें हूँ मैं,
जो लिया नहीं...
उस कर्जमें हूँ मैं.......

8 June 2017

1385 मनुष्य ख़्वाहिश पहचान साथ डर शायरी

1385
मनुष्यकी ख़्वाहिश होती हैं,
उसे सब "पहचाने"......
साथमें उसे डर सताता हैं कि,
कोई उसे सहीमें "पहचान" न ले ।।

1384 दिल दुनियाँ रस्म उल्फ़त सिख आग कयामत वक्त रुखसत हंसते रुला शायरी


1384
रस्म-ए-उल्फ़त सिखा गया कोई,
दिलकी दुनियाँपें छा गया कोई... 

ता कयामत किसी तरह न बुझे,
आग ऐसी लगा गया कोई... 

दिलकी दुनियाँ उजड़ीसी क्युँ हैं,
क्या यहांसे चला गया कोई... 

वक्त-ए-रुखसत गले लगाकर दाग़.
हंसते-हंसते रुला गया कोई...!

1383 दिल शीशे घुबार शायरी


1383
दिलके शीशेपें घुबार बहुत हैं,
आज कुछ देर रो लिया जाए...

1381 शब्द सुन वाह मौन सुन शायरी


1381

Maun, Silence


शब्द मेरे सुनकर,
'वाह वाह' सब करते हैं...
मौन मेरा सुन सके,
काश ऐसा कोई मिले।

After hearing my words,
Everyone does 'Wow wow'...
Those who is able to listen my silence,
I wish I could find someone like that.

1382 इश्क़ बेजुबां ढूंढता ख़ामोशी इंतज़ार लिख भेज ख़त शायरी


1382

ख़त, Letter

किस ख़तमें लिखकर भेजूं,
अपने इंतज़ारको तुम्हें;
बेजुबां हैं इश्क़ मेरा और,
ढूंढता हैं ख़ामोशीसे तुझे।

In which letter should I write and send,
Your waitting to you;
My love is voiceless and,
searches for you silently.

7 June 2017

1380 पतझड़ हिस्सा जिंदगी मौसम फर्क कुदरत पत्ते सूख रिश्ते हकीकत शायरी


1380

हकीकत,  Reality

पतझड़ भी हिस्सा हैं,
जिंदगीके मौसमका...
फर्क सिर्फ इतना हैं,
कुदरतमें पत्ते सूखते हैं और,
हकीकतमें रिश्ते।

Autumn is also a part,
Season of life...
The only difference is,
In nature the leaves dry and,
Relationships in reality.

1379 चैन मशवरा मजा जिन्दगी मुश्किलें शायरी


1379
चैनसे रहनेका हमको,
मशवरा मत दीजिये l
अब मजा देने लगी हैं,
जिन्दगीकी मुश्किलें...!

1378 सुन खामोश सिसकियाँ आवाज़ रोना शायरी


1378
तू सुन पाता,
खामोश सिसकियाँ मेरी...
आवाज़ करके रोना तो मुझे,
आज भी नहीं आता...।

1377 वक़्त बदल बातें आँख नमी कमी मोहब्बत शायरी


1877
बदल गया वक़्त,
बदल गयी बातें,
बदल गयी मोहब्बत. . . ;
कुछ नहीं बदला तो वो हैं,
इन आँखोंकी नमी और
तेरी कमी।