16 July 2017

1526 - 1530


1526
“जहर के असरदार होने से,
कुछ नहीँ होता साहेब...
खुदा भी राजी होना चाहिए,
मौत देने के लिए...!”

1527
मेरे क़दमों में पूरी कायनात
भी रख दी गई ए-बेवफा
हमने तब भी तुम्हारी यादों
का सौदा नहीं किया…..!!

1528
थोड़ी मोहब्बत तो,
तुझे भी थी मुझसे...
वरना इतना वक्त तो न लगता,
सिर्फ एक दिल तोड़ने में...

1529
कभी थक जाओ तुम
दुनिया की महफ़िलों से,
हमें आवाज़ दे देना,
हम अक्सर अकेले होते हैं।

1530
तेरी महफ़िल से उठे तो
किसीको खबर तक ना थी.....

तेरा मुड़-मुड़कर देखना हमें,
बदनाम कर गया.......

15 July 2017

1521 - 1525


1521
अब वफा की उम्मीद भी,
किससे कीजाए भला,
मिट्टी कॆ बनॆ लोग,
कागज मॆं जो बिक जाते है।

1522
अपनी जिंदगी,
अजीब रंग में गुजरी है.....
राज किया दिलों पे
और तरसे मोहब्बत को है.....

1523
उनके इंतजार के मारे है हम,
बस उन्ही कि यादों के सहारे है हम,
दुनिया जीत के करना क्या है अब,
जिसे दुनिया से जितना था उसी से हारे है हम...

1524
मोहोब्बत हर इन्सान को आजमाती है,
किसी सॆ रुठ जाती है,
किसी पॆ मुस्कुराती है,
मोहोब्बत खॆल ही ऎसा है,
किसी का कुछ नही जाता ऒर
किसी की जान ही चली जाती है।

1525
राख बेशक हूँ मगर...
मुझमें हरकत है अभी भी...

जिसको जलने की तमन्ना हो,
हवा दे मुझको.......

1516 - 1520


1516
ए उम्र, माना कि तू बडी हस्ती है।
जब चाहे मेरा बचपन छीन सकती है। ।
पर गुरूर मत कर अपनी हस्ती पर।
मुझे भी नाज है अपनी मस्ती पर।।
गर है दम तो इतनी सी कर खता।
बचपन तो छीन लिया...,
बचपना छीन कर बता।।

1517
तेरी मोहब्बत,,
जैसे सरकारी नौकरी हो,
नौकरी तो खत्म हुई,
अब दर्द मिल रहा है पेंशन की तरह...

1518
झूठ कहते हो तुम सब लोग
मोहब्बत सब कुछ छीन लेती है...
हमने किसी से मोहब्बत करके
गमो का खजाना पा लिया है...

1519
मेरे हाथों में उनका हाथ आया
तो महसूस हुआ.......
ज़िंदगी ही हाथ लग गई हो जैसे...

1520
किसी की याद ने
ज़ख्मों से भर दिया सीना...
हर इक सांस पे शक़ है
कि आखिरी होगी.......

13 July 2017

1511 - 1515


1511
हो सकती है जिन्दगी मे,
महोब्बत दोबारा भी...
पर होसला चाहिए फिर से
बरबाद होने का........

1512
किन लफजों मे लिखुँ
मैँ अपने इन्तजार कोँ !
बेजुबाँ सा इश्क तुम्हेँ
खामोशी से ढूँढता है...!!!

1513
धड़कनों को भी,
रास्ता दे दीजिये हुजूर,
आप तो पूरे दिल पर,
कब्जा किये बैठे है...

1514
कुचलते रहे लोग मुझे
जब तक हम "फूल" से थे।
जबसे हम पत्थर बने
लोगो ने भगवान बना लिया।।

1515
उन लोगों का क्या हुआ होगा;
जिनको मेरी तरह ग़म ने मारा होगा;
किनारे पर खड़े लोग क्या जाने;

डूबने वाले ने किस-किस को पुकारा होगा.......

12 July 2017

1506 - 1510



1506
कहीं बैठी वो मेरा ज़िक्र कर,
मुस्कुरा रही होगी...
ये हिचकी शाम से,
यूँ ही तो नहीं आ रही होगी.......

1507
अब भी मोजूद है इस दिल मॆं,
तॆरॆ कदमों कॆ निशान...
तॆरॆ बाद हमनॆ इस राह सॆ,
किसी को गुजरनॆ नही दिया...

1508
खरीद तो लेते हैं लोग
करोड़ो का घर शहर में...
लेकिन आंगन दिखाने
बच्चो को अब भी गाँव ही आते हैं.....

1509
प्रेम एक भाषा है ...
जिसे हर कोई बोलता हे ...
पर समझता वही है ...
जिसके पास 'दिल' है..!!

1510
हमनॆ मांगा था साथ उनका,
वो जुदाई का गम दे गयॆ...

हम यादों कॆ सहारॆ  जी लॆतॆ,
वो भूल जानॆ की कसम दे गयॆ ...

11 July 2017

1501 - 1505


1501
कहाँ उलझ गया दिल,
किस प्यार में.......
बड़ा बेसबब गुज़रा,
एक हिस्सा उम्र का,
बेकार में.......
1502
ज़िंदगी तो सभी के लिए
एक रंगीन किताब है;
फर्क है तो बस इतना कि
कोई हर पन्ने को दिल से पढ़ रहा है; और
कोई दिल रखने के लिए पन्ने पलट रहा है।
1503
तेरे इश्क का सुरूर था,
जो खुदको बर्बाद किया,
वरना दुनिया मेरी भी,
दीवानी थी।
1504
लोगों मै और हम मे बस इतना फर्क है ...
लोग.....दिल को दर्द देते है,
और हम....... दर्द देने वाले को,
दिल देते है ...
1505
"दोस्ती" रूह में उतरा हुआ
मौसम है...
ताल्लुक कम कर देने से
मोहब्बत कम नही होती ...

10 July 2017

1496 - 1500


1496
बोतल पे बोतल पीने से क्या फायदा, मेरे दोस्त;
रात गुजरेगी तो उतर जाएगी!
पीना है तो सिर्फ एक बार किसी की बेवफाई पियो;
प्यार की कसम, उम्र सारी नशें में गुजर जाएगी!
1497
करेगा जमाना कदर,
हमारी भी एक दिन देख लेना...
बस जरा ये भलाई की,
बुरी आदत छुट जाने दो.......
1498
उसकी हसरतों को,
मेरे दिल मॆं लिखनॆवालॆ...
काश उसको मॆरॆ नसीब मॆं भी,
लिख दिया होता ... ... ...
1499
रिश्तों की एहमियत को समझो,
इन्हें जताया नहीं,
निभाया जाता है !!!
1500
देख ली न तुमने.......
मेरे ऑसुओ की ताकत...
कल रात मेरी ऑखे नम थी !
आज तेरा सारा शहर भीगा हैं !!!

9 July 2017

1491 - 1495


1491
किसी चेहरे पर...
ख़ुशी की तलाश न कर ,
हर चेहरा फरेब है,
और हर कहानी अधूरी...!!
1492
लौट आऊँगा फिरसे
तेरी पनाहों में ऐ ज़िन्दगी.....
बाज़ार-ए-इश्क़ में
पूरी तरह लुटने तो दे मुझे.......!
1493
अभी तो,
प्यार की किताब खोली ही थी…
और ना जाने कितने,
इम्तेहान आ गए........
1494
किसी और की दौलत, किसी के किस काम की
किसी और की शौहरत, किसी के किस काम की
जो किसी के पास का अंधेरा न मिटा सके,
वो दूर से दिखती रोशनी, किसी के किस काम की ?
1495
जब कभी टूट कर बिखरो,
तो बताना हमको...
तुम्हें रेत के जर्रों से भी,

चुन सकते हैं हम.......

8 July 2017

1486 - 1490


1486
मेरे अंदर भी कमियॉ ढेरसारी होंगी.......
पर
एक खुबी भी है...
हम किसी के साथ
" म त ल ब  "
के लिये रिश्ते नही रखते...
1487
खोई आँखो में उन को सज़ा लिया,
आरज़ू मे उन की चाहत को बसा लिया,
धड़कन भी अब ना ज़रूरी हमारे लिए,
जब से दिल में उन्ही को बिठा लिया...
1488
यादें बजती रहीं,
उनकी घुँघरुओं की तरह...
कल रात भर...
फिर उन्होने मुझे सोने ना दिया.......
1489
मेरे गम ने होश उनके भी खो दिए,
वो समझाते समझाते खुद ही रो दिए l
1490
फकीरों के डेरे में रोशनाई बहुत है,

इस मौसम में रहनुमाई बहुत है ...

7 July 2017

1481 - 1485


1481
जमाने की नज़र में,
अकड़ के चलना सीख ले दोस्त..!!
मोम का दिल ले कर चलोगे तो लोग जलाते रहेंगे..!!

1482
छोड तो सकता हु मगर
छोड नही पाते उसे
वो शख्स.......
मेरी बिगडी आदत कि तरह है !

1483
जाने किस किस को लूटा है,
इस चोर ने मसीहा बनकर,,,
के आओ सब मिलकर,
इश्क पे मुकदमा कर दे,,,,,,,

1484
अगर रेत में लिखा होता
तो मिटा भी देते...
उन्होने तो दिल की
दहलीज पर कदम रखा है...

1485
बेवजह ही आए वो,
मेरी जिन्दगी में...

पर वजह बन गये है
जिन्दगी जीने की...!

5 July 2017

1476 - 1480


1476
हर रात जान-बुझकर रखता हूँ
दरवाजा खुला . . . !
शायद कोई लूटेरा,
मेरा गम भी लूट ले !!!
1477
जीनी थी जो तेरे साथ, अभी वो शाम बाकि है,
पीना था जो तेरी आँखों से, अभी वो जाम बाकि है,
वादा किया था हमने जो, तुझको भुला के जीने का,
खुद को मिटाने का, अभी वो काम बाकी है !
1478
मत पूछो शिशे को उसकी...
टूट जाने कि वज़ह,
उसने भी किसी पत्थर को,
अपना समझा होगा...!
1479
सौ दुशमन बनाए हमने,
किसी ने कुछ ना कहा,
एक को हमसफर क्या बनाया,
सौ उँगलियाँ उठ गई.......
1480
बहुत शौक था...
सबको जोड़ के रखने का जफर।

होश तब आया जब,
अपने वजूद के टुकड़े देखे।

4 July 2017

1471 - 1475


1471
शाम होते ही चिरागोंको बुझा देता हूँ,
मेरा दिल ही काफी है...
तेरी याद मे जलने के लिए...

1472
तुम मुझसे दोस्ती का मोल,
मत पूछना कभी,
तुम्हे किसने कहा,
की पेड़ छाँव बेचते है ?

1473
यूँ तो मोहब्बत की सारी
हकीक़त से वाकिफ है हम,
पर उसे देखा तो सोचा
चलो ज़िन्दगी बर्बाद कर ही लेते है…

1474
ये लफ्ज़-ए-मोहब्बत है,
तुमसे बातो बातो मैं निकलते है जुबां से,
और लोग शायरी समझकर,
वाह वाह किया करते है...!

1475
आओ ना मिलकर खोदे कब्र दिल की,

कमबख्त बड़ी बड़ी ख्वाहिशें करने लगा है ...!!!

3 July 2017

1466 - 1470


1466
हम नही जीत सकॆ उनसॆ ...
वो ऎसी शर्त लगानॆ लगॆ ...
प्यारी सी आखॊं को ...
मेरी आखों सॆ लडानॆ लगॆ ...
हम शायद जीत भी जाते ...
पर पलकॆ हम ने तब झपकाई ...
जब उनकी पलकों सॆ आसू आनॆ लगॆ ...
1467
थम के रह जाती है जिन्दगी
 "तब".......
......."जब"...
 जम के बरसती हैं पुरानी यादें,
1468
तेरा ऐसा भी क्या रिश्ता है ?
दर्द‎ कोई भी हो...
याद‎ तेरी ही आती है.......
1469
मेरी रातें ...... मेरे दिन
सब ख़ाक हैं उनके बिन
1470
जब तक बिके नही थे हम
कोई पुछता न था

तुने खरीद के,
अनमोल कर दिया !