2 March 2018

2421 - 2425 इश्क चाहतका रंग बात राजी़ हसरत प्यार जहाँ नफ़रत शायरी


2421
उतरता अगर तेरे इश्कका रंग,
तो होली भी जरुर मना लेते हम...

2422
उसकी चाहतका रंग चढ़ा हैं मुझपर
वो उतरे तो खेलूं होली.......

2423
वो बात करने तकको,
राजी़ नहीं हैं !
और हम होलीपर रंग लगानेकी,
हसरत जमाये बैठे हैं !

2424
अब ये रंग तो छूटता ही नहीं,
मैने कहा था ना कि,
सिर्फ़ पानी मिलाना
मगर तुमने प्यार मिला दिया !!!

2425
ये किस तरहके लोग हैं,
इस जहाँमें...
रोज़ रंग बदलने वाले,
होलीपें कहते हैं,
हमें रंगोंसे नफ़रत हैं!

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