12 March 2018

2466 - 2470 दिल मोहब्बत उम्र नुक़्स बर्बाद गैर बात अधूरी किताब आँख जादू वाक़िफ़ शौक़ शायरी


2466
उम्र बर्बाद कर दी हमने,
औरोंमें नुक़्स निकालते निकालते.....
इतना कभी खुदको तराशते तो,
कबके खुदा हो गए होते.......

2467
तुम आए थे, पता लगा,
सुनकर अच्छा भी लगा,
पर गैरोंसे पता चला,
बेहद बुरा लगा !

2468
मोहब्बतकी आजतक,
बस दो ही बातें अधूरी हीं;
इक मैं तुझे बता नही पाया,
और दूसरी तुम समझ हीं पाये...

2469
किताबोंमें कहते हैं फूल तोडना मना हैं,
बागोंमें कहते हैं फूल तोड़ना मना हैं,
फूलोंसे कीमती चीज़ हैं दिल,
कोई नहीं कहता दिल तोड़ना मना हैं !

2470
" तेरी आँखोंके जादूसे,
तू ख़ुद नहीं हैं वाक़िफ़,
यह उसे भी जीना सिखा दे,
जिसे मरनेका शौक़ हो !!! "

No comments:

Post a Comment