26 March 2018

2536 - 2540 दिल प्यार जिंदगी दर्द खुशी कीमत चाह दुनियाँ आदत जख्म लफ्ज़ महसूस एहसास गवाही बदर सवाल जवाब शायरी


2536
कहनेको खुली किताब हूँ मैं !
मगर सच कहूँ तो एक राज़ हूँ मैं !
सबको लगता हैं लहर हूँ, नदी हूँ,
या समन्दर हूँ मैं !
मगर सच कहूँ तो बस प्यास हूँ मैं !!!

2537
किस्मतसे लड़नेमें मजा रहा हैं !
ये मुझे जीतने नहीं दे रही,
और हार मैं मान नहीं रहा ... !

2538
इतना आसान हूँ कि,
हर किसीको समझ जाता हूँ​;
शायद तुमने ही पन्ने छोड़ छोड़कर,
पढ़ा हैं मुझे

2539
दुआएँ जमा करनेमें लगा हूँ यारों...
... सुना हैं.......
दौलत और शोहरत साथ नहीं जाते...

2540
सोचते हैं कह तो दें ,
हाल--दिल तुमसे...
पर डरते हैं कहीं तुम्हें ,
फिरसे मुहब्बत हों जायें...!

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