25 March 2018

2526 - 2530 दिल दुनियाँ जिंदगी अजीब दर्द आँख कायर शायर बात अहसास अल्फाज अदालत फैसले मंजूर नाराज शायरी


2526
ये दुनियाँवाले भी,
बडे अजीब हैं...
दर्द आँखोसे निकले तो 'कायर' कहते हैं,
और बातोंसे निकले तो 'शायर' कहते हैं...

2527
एक जैसी ही दिखती थी,
सारी वो माचिसकी तिलियाँ...
कुछने दिये जलाएँ !
और कुछने घर.......

2528
मेरी लिखी बातोंको,
हर कोई समझा नहीं पाता l
क्योंकि मैं अहसास लिखता हूँ,
और लोग अल्फाज पढते लेते हैं...ll

2529
कागजपें तो,
अदालत चलती हैं,
हमे तो उनकी आँखोके,
फैसले मंजूर हैं.......!

2530
धोखा दिया था जब तूने मुझे,
जिंदगीसे मैं नाराज था;
सोचा कि दिलसे तुझे निकाल दूं,
मगर कंबख्त दिलभी तेरे पास था...।

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