27 March 2018

2541 - 2545 दिल प्यार जिंदगी दर्द खुशी कीमत चाह दुनियाँ आदत जख्म लफ्ज़ महसूस एहसास गवाही बदर सवाल जवाब शायरी


2541
दर्द होता जिंदगीमें,
तो खुशीकी कीमत होती.......
अगर चाहनेसे मिल जाता सब कुछ दुनियाँमें
तो ऊपर वालेकी जरूरत होती.......!

2542
दिलमें उतर जानेकी आदत हैं मेरी,
अलग पहचान बनानेकी आदत हैं मेरी,
जितना गहरा जख्म कोई देता हैं मुझे,
उतना ही मीठा मुस्कूरानेकी आदत हैं मेरी...!

2543
कितना प्यार हैं उनसे,
वो लफ्ज़ोके सहारे कैसे बताऊँ,
महसूस करे मेरे एहसास,
गवाही कहाँसे लाऊ.......!

2544
इस शहरमें मजदूर जैसा,
दर बदर कोई नहीं;
सैंकड़ों घर बना दिये,
पर उसका कोई घर नहीं...

2545
अकेले रोना भी,
क्या खूब कारीगरी हैं,
सवाल भी खुदका रहता हैं...
और जवाब भी खुदका....

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