5291
इश्क़का उम्रसे,
नही कोई लेना-देना साहब...
ये वो शै है,
ज़ितनी पुरानी,
उतनी नशीली होती हैं...!
5292
इश्क़की उम्र
नहीं होती,
ना ही दौर
होता हैं;
इश्क़ तो इश्क़
हैं,
जब होता हैं...
बेहिसाब
होता हैं...!
5293
माहौल कुछ ऐसा,
बना तेरे मेरे
दरमियाँ...
लफ्ज़ोने
जहर पी लिया,
और खामोशियोंकी उम्र बढ
गई...
5294
ऐ तन्हाई,
तू अब
निकाह करले मुझसे...
जब उम्रभर
साथ ही रहना
हैं,
तो चल जमानेकी,
ये रस्मे भी अदा
करलें.......
5295
एक उम्रके
बाद,
उस उम्रकी
बातें...
उम्रभर याद
आती हैं;
पर वह उम्र
फिर उम्रभर
नहीं आती...
No comments:
Post a Comment