18 January 2020

5346 - 5350 दिल मोहब्बत रुह आँख ख्याल कहानी बात हसीन उदास साथ शायरी


5346
मेरी रुहका वही कोना,
जागता रहता हैं...
जहाँ तुम्हारे ख्यालका साया,
साथ चलता हैं.......!

5347
कुछ दूर हमारे साथ चलो,
हम दिलकी कहानी कह देंगे...
समझे ना जिसे तुम आँखोसे,
वो बात जुबानी कह देंगे.......!

5348
माना कि दो किनारोंका,
कभी संगम नही होता...
मगर साथ चलना भी तो,
मोहब्बतसे कम नहीं होता...

5349
अच्छा लगता हैं,
तेरा नाम मेरे नामके साथ...
जैसे कोई सुबह जुड़ी हो,
किसी हसीन शामके साथ...!

5350
उदास नहीं होना क्योंकि मैं साथ हूँ,
सामने सही पर आस-पास हूँ;
पलकोंको बंद कर जब भी दिलमें देखोगे,
मैं हर पल तुम्हारे साथ हूँ.......!

No comments:

Post a Comment