5356
ख्यालोंमें
बुना करते हैं
हम,
तेरे साथ मोहब्बतका
ताना बाना...
सुकूनसा
दे जाता हैं,
इस वीरान दिलमें तेरा
आना-जाना...
5357
अगर लौटा सको
तो,
वो हसीन पल
दे जाना;
जिसमें तुम हमारे
और,
हम तुम्हारे साथ थें...
5358
मोहब्बत
एक ख़ुशबू हैं,
हमेशा साथ चलती
हैं;
कोई इंसान तन्हाईमें भी,
तन्हा नहीं रहता.......
5359
जानते हो क्यूँ
हम नाराज,
होते हैं तुमसे
बार बार...
इस यकीनके साथ,
के तुम मना
लोगे हर बार...!
5360
हो जायेगा सफ़र आसां,
आओ साथ चलकर
देखें...
कुछ तुम बदलकर
देखो,
कुछ हम बदलकर
देखें...!
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