22 January 2020

5366 - 5370 दिल निशानी कहानी खुशी गम हौसला याद भूल आँसू मुलाक़ात तड़प शायरी


5366
रख सको तो एक निशानी हैं हम,
भूल जाओ तो एक कहानी हैं हम l
खुशीकी धूप हो या गमके बादल,
दोनोमें जो बरसे वो पानी हैं हम ll

5367
भूल जानेका हौसला ना हुआ,
दूर रह कर भी वो जुदा ना हुआ;
उनसे मिल कर किसी और से क्या मिलते,
कोई दूसरा उनके जैसा ना हुआ.......

5368
जिसको तुम भूल गये,
याद करे कौन उसको...
जिसको तुम याद हो,
वो और किसे याद करे...!

5369
तुम दूर बहोत हो हमसे,
ये हम जानते हैं...
तुमसे करीब भी कोई हैं,
बस ये मत भूल जाना तुम...

5370
निकलते हैं आंसू जब मुलाक़ात नही होती,
तड़पता हैं दिल जब बात नही होती...
आप याद आओ ऐसी सुबह नही होती,
हम आपको भूल कर सोये ऐसी रात नही होती...

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