5376
धोखेकी ख़ासियत,
यही हैं जनाब...
ये विश्वासके साथ,
मुफ़्तमें
मिलता हैं...
5377
काश कोई अपना
हो,
तो आईने जैसा...
जो हँसे भी
साथ,
और रोए भी
साथ...
5378
अक़्सर हम साथ
साथ,
टहलते हैं.......
तुम मेरे ज़हनमें,
और मैं छतपे.......
5379
मेरी जिंदगीमें,
सिर्फ यही गम
रहा...
कि मैं उनके
साथ,
बहोतही कम रहा...
5380
काश तुम पूछो
की,
मुझसे तुम्हे क्या चाहिये...
मैं पकडू बस
तेरा हाथ और
कहूँ,
सिर्फ तेरा साथ
चाहिये.......
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