8 January 2021

7011 - 7015 दिल तसल्लि सब्र हौसले चराग़ चेहरे ख़ुशी शायरी

 

7011
सच्ची ख़ुशीकी आस,
टूटे दुआ करो...
झूटी तसल्लियोंसे,
बहलते रहा करो.......
             अय्यूब फ़हमी

7012
इतने ग़ौरसे देख़.
तू मेरे चेहरेकी ख़ुशीको...
अंदरसे बिखरे लोग,
ऊपरसे ऐसेही होते हैं.......!

7013
सब्र कर जरा दिल,
ख़ुशीका पहर भी आएगा...l
ढूँढ़ता रहा तू जिसको,
उसका शहरभी आएगा...ll

7014
शब--विसाल हैं गुल,
कर दो इन चराग़ोंको...
ख़ुशीकी बज़्ममें,
क्या काम जलने वालोंका...?
दाग़ देहलवी

7015
ये कहके दिलने,
मेरे हौसले बढ़ाए हैं...
ग़मोंकी धूपके आगे,
ख़ुशीके साए हैं.......!

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