7011
सच्ची ख़ुशीकी आस,
न टूटे दुआ करो...
झूटी तसल्लियोंसे,
बहलते रहा करो.......
अय्यूब फ़हमी
7012इतने ग़ौरसे न देख़.तू मेरे चेहरेकी ख़ुशीको...अंदरसे बिखरे लोग,ऊपरसे ऐसेही होते हैं.......!
7013
सब्र कर जरा ए दिल,
ख़ुशीका पहर भी आएगा...l
ढूँढ़ता रहा तू जिसको,
उसका शहरभी आएगा...ll
7014शब-ए-विसाल हैं गुल,कर दो इन चराग़ोंको...ख़ुशीकी बज़्ममें,क्या काम जलने वालोंका...?दाग़ देहलवी
7015
ये कहके दिलने,
मेरे हौसले बढ़ाए हैं...
ग़मोंकी धूपके आगे,
ख़ुशीके
साए हैं.......!
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