27 January 2021

7096 - 7100 दिल दीवाने उम्मीद धूप साया यकीन आईना चौखट साथ सच झूठ शायरी

 

7096
कुछ कह दो झूठ ही कि,
तवक़्क़ो बंधी रहे...
तोड़ो आसरा,
दिल--उम्मीद-वारका...

7097
चाहे सोनेके चौखटमें जड़ दो,
आईना झूठ बोलता ही नहीं...!!

7098
तुम मेरे साथ हो,
ये सच तो नहीं हैं लेकिन...
मैं अगर झूठ बोलूँ तो,
अकेला हो जाऊँ.......

7099
झूठपर उसके,
भरोसा कर लिया;
धूप इतनी थी कि,
साया कर लिया ll
शारिक़ कैफ़ी

7100
हम समझदार भी इतने हैं कि,
उनका झूठ पकड लेते हैं...!
और उनके दीवाने भी इतने हैं,
फिर भी यकीन कर लेते हैं...!!!

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