14 January 2021

7036 - 7040 प्यार इंतज़ार मुह्ब्बत साँस रूह लफ्ज जहान दुनिया दास्ताँ हसरत उम्मीद शायरी

 

7036
तेरे जहानमें ऐसा नहीं कि,
प्यार हो...
जहाँ उम्मीद हो इसकी,
वहाँ नहीं मिलता.......!
                          निदा फ़ाज़ली

7037
तेरी उम्मीद,
तेरा इंतज़ार करते हैं l
हैं सनम हम तो सिर्फ,
तुमसे प्यार करते हैं ll

7038
कहनेको लफ्ज दो हैं,
उम्मीद और हसरत...
लेकिन निहाँ इसीमें,
दुनियाकी दास्ताँ हैं...

7039
अभी कुछ वक्त बाकी हैं,
अभी उम्मीद कायम हैं,
कहींसे लौट आओ तुम,
मुह्ब्बत साँस लेती हैं ll

7040
बिछड़के तुझसे मुझे हैं,
उम्मीद मिलनेकी...
सुना हैं रूहको आना हैं,
फिर बदनकी तरफ़.......!

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