11 January 2021

7021 - 7025 दिल ज़िंदगी गम मोहब्बत धोख़ा कसम वफा उम्मीद शायरी

 

7021
ना रख किसीसे,
मोहब्बतकी उम्मीद...
कसमसे लोग खुबसूरत बहुत हैं,
पर वफादार नहीं.......!

7022
आधे दुःख गलत लोगोंसे,
उम्मीद रखनेसे होते हैं...l
और...
बाकी आधे सच्चे लोगोंपें,
शक करनेसे होते हैं.......ll

7023
दिल नाउम्मीद तो नहीं,
नाकाम ही तो हैं...
लंबी हैं गमकी शाम,
मगर शाम ही तो हैं.......!
                  फैज अहमद फैज

7024
मिरी उम्मीदका सूरज,
कि तेरी आसका चाँद...!
दिए तमामही रुख़पर,
हवाके रक्खे थे.......!!!
ज़फ़र मुरादाबादी

7025
कमसे कम मौतसे ऐसी,
मुझे उम्मीद नहीं...
ज़िंदगी तू ने तो,
धोकेपें दिया हैं धोख़ा.......
                  फ़िराक़ गोरखपुरी

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