7026
मीठासा होता हैं,
सफ़र यह ज़िंदगीका...
बस कड़वाहट तो,
किसीसे ज़्यादा उम्मीद,
रखनेसे होती हैं.......
7027दिल गवारा नहीं करता,शिकस्ते-उम्मीद...हर तगाफुलपै,नवाजिशका गुमाँ होता हैं...रविश सिद्दकी
7028
कहती हैं ये दुनिया,
बस अब हार मान जा;
उम्मीद पुकारती हैं,
बस एक बार और सही ll
7029मेरे दिले-मायूसमें,क्यों कर न हो उम्मीद...मुरझाये हुए फूलमें,क्या बू नहीं होती.......अख्तर अंसारी
7030
खींचकर लाई हैं सबको,
कत्ल होनेकी उम्मीद...
आशिकोंका आज जमघट,
कूचा-ऐ-कातिलमें
हैं.......
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