12 January 2021

7026 - 7030 दिल मायूस सफ़र ज़िंदगी आशिक कत्ल कातिल उम्मीद शायरी

 

7026
मीठासा होता हैं,
सफ़र यह ज़िंदगीका...
बस कड़वाहट तो,
किसीसे ज़्यादा उम्मीद,
रखनेसे होती हैं.......

7027
दिल गवारा नहीं करता,
शिकस्ते-उम्मीद...
हर तगाफुलपै,
नवाजिशका गुमाँ होता हैं...
रविश सिद्दकी

7028
कहती हैं ये दुनिया,
बस अब हार मान जा;
उम्मीद पुकारती हैं,
बस एक बार और सही ll

7029
मेरे दिले-मायूसमें,
क्यों कर हो उम्मीद...
मुरझाये हुए फूलमें,
क्या बू नहीं होती.......
अख्तर अंसारी

7030
खींचकर लाई हैं सबको,
कत्ल होनेकी उम्मीद...
आशिकोंका आज जमघट,
कूचा--कातिलमें हैं.......

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