2 January 2021

6981 - 6985 दिल बहार तसवीर दौलत ख़ुशी ग़म शायरी

 

6981
तेरे आनेसे,
यूँ ख़ुश हैं दिल...
जूँ कि बुलबुल,
बहारकी ख़ातिर...!

6982
माँगकर तुझसे ख़ुशी लूँ,
मुझे मंज़ूर नहीं;
माँगी हुई दौलतसे,
भला होता हैं किसीका...

6983
तू अचानक मिल गयी तो,
कैसे पहचानूंगा मैं...
खुशी तू अपनी,
तसवीर तो ज़रा भेज दे.......

6984
ख़ुशी कहाँ हम तो,
गम चाहते हैं...!
ख़ुशी उसको दे दो,
जिसको हम चाहते हैं...!

6985
वो दिल लेके ख़ुश हैं...
मुझे ये ख़ुशी हैं कि,
पास उनके रहता हूँ,
मैं दूर होकर.......!

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