22 January 2021

7076 - 7080 दिल अहसास बज़्म जीस्त उम्मीद शायरी

 

7076
दिलसा दिलसे,
दिलके पास रहे तू...
बस यही उम्मीद हैं के,
खास रहे तू.......!

7077
चंद किरनें,
ले आया हूँ तेरे लिए...!
हैं उम्मीदके तेरा,
दिन रोशन रहेगा.......!!!

7078
कभी बादल, कभी बारिश,
कभी उम्मीदके झरने...!
तेरे अहसासने छूकर,
मुझे क्या-क्या बना डाला...!!!

7079
उठता हूँ उसकी बज़्मसे,
जब होके ना उम्मीद...
फिर फिरके देखता हूँ,
कोई अब पुकार ले.......

7080
अपने सीनेसे लगाए हुए,
उम्मीदकी लाश...
मुद्दतों जीस्तको,
नाशाद किया हैं मैंने.......

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