30 January 2021

7106 - 7110 इश्क ज़िंदगी ज़िद गलतियाँ गलियाँ सलाह शीशे सीख समझदारी शायरी

 

7106
ज़िंदगीने बहुत,
समझदार बना रखा हैं...
मुझे आज बस,
ज़िद करनेका मन हैं...!

7107
मैं तुम्हें इसलिए सलाह नहीं दे रहा हूँ कि,
मैं ज्यादा समझदार हूँ l
बल्कि इसलिए दे रहा हूँ कि,
मैने जिन्दगीमें गलतियाँ तुमसे ज्यादा की हैं ll

7108
गुजरे इश्ककी गलियोंसे,
और समझदार हो गए...!
कुछ ग़ालिब बने यहाँ,
तो कुछ गुलजार हो गए...!!!

7109
समझदारोंसे मिलिये,
सीखने मिलेगा l
बेवकूफोंसे मिलिये,
सीख मिलेगी ll

7110
दुश्मनी उसकी हैं,
पत्थरसे दिखानेके लिए...
हो समझदार तो,
शीशेकी तरफ मत जाना...

No comments:

Post a Comment