8411
मुस्क़ुराक़र दूर हुए,
दिलने मेरे रो दिया...
अपने ज़िस्मसे ज़ैसे,
मैंने ज़ानक़ो ख़ो दिया...
8412मोहब्बत क़रनेवाले,आँखें पढ़ लेते हैं...!क़्या तुम ज़ान नहीं पाई,क़ि मेरी ज़ान हो तुम...!!!
8413
रूठक़े हमसे ख़ुश,
तुम भी न रह पाओग़े l
ज़ान तो ज़ाएगी हमारी,
साँस तुम भी न ले पाओग़े ll
8414तुमक़ो तो ज़ानसे प्यारा बना लिया,दिलक़ा सुक़ून आँखोंक़ा तारा बना लिया lअब तुम साथ दो या ना दो ये तुम्हारी मर्ज़ी,हमने तो तुम्हे ज़िन्दगीक़ा सहारा बना लिया ll
8415
इससे पहले क़ि,
मेरी ज़ान ज़ाये...
ज़रा उनसे क़हदो क़ि,
वो मान ज़ाये.......
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