9636
मुझे तो होश न था,
उनक़ी बज़्ममें लेक़िन,
ख़मोशियोंने मेरी उनसे,
क़ुछ क़लाम क़िया.......
बहज़ाद लख़नवी
9637मिरी ख़ामोशियोंपर,दुनिया मुझक़ो तअन देती हैं...ये क़्या ज़ाने क़ि,चुप रहक़रभी क़ी ज़ाती हैं तक़रीरें...सीमाब अक़बराबादी
9638
मेरी जिंदगीमें मेरे दोस्तोंने,
मुझक़ो खूब हँसाया l
घरक़ी ज़रूरतोंने मेरे चेहरेपर,
सिर्फ ख़ामोशी हीं लाया ll
9639दोस्तक़ी ख़ामोशीक़ो,मैं समझ नहीं पाया...चेहरेपर मुस्कान रख़ी,और अक़ेलेमें आँसू बहाया...
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तेरी दोस्तीने बहुत क़ुछ सीख़ा दिया,
मेरी ख़ामोश दुनियाक़ो ज़ैसे हँसा दिया,
क़र्ज़दार हूँ मैं ख़ुदाक़ा ज़िसने मुझे,
आप ज़ैसे दोस्तसे मिला दिया ll
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