27 March 2017

1146 जिंदगी मोहब्बत इश्क़ मायने हज़ूर मालुम शायरी


1146
हमें कहाँ मालुम थे,
इश्क़के मायने हज़ूर...
बस वो मिले और,
जिंदगी मोहब्बत बन गयी !!!

26 March 2017

1145 ख़ुशी गम बिक लोग गलतफहमी मरहम शायरी


1145
बिकती हैं ना ख़ुशी कहीं,
ना कहीं गम बिकता हैं...
लोग गलतफहमीमें हैं,
कि शायद कहीं मरहम बिकता हैं...

1144 शुक्र आँसु रंग तकिये राज खोल शायरी


1144
शुक्र हैं खुदा,
इन आँसुओंका,
कोई रंग नहीं होता;
वरना ये तकिये,
हमारे कई राज खोल देते...

1142 वक़्त नूर छोटे जख्म नासूर वक़्त मजबूर चाहत दूर शायरी


1142
वक़्त नूरको बेनूर बना देता हैं,
छोटेसे जख्मको नासूर बना देता हैं,
कौन चाहता हैं अपनोंसे दूर रहना
पर वक़्त सबको मजबूर बना देता हैं . . .

1143 आज लिख पता हैं तू ढुंड अल्फाज शायरी


1143
, आज लिख दूँ,
कुछ तेरे बारेमें...
पता हैं तू ढुंडता हैं खुदको ;
मेरे अल्फाजोंमें...

1141 दिन बीत कहानी यादें निशानी रिश्ते होठ मुस्कान बन आँख पानी शायरी


1141
दिन बीत जाते हैं कहानी बनकर,
यादें रह जाती हैं निशानी बनकर,
पर रिश्ते हमेशां रहते हैं…
कभी होठोंकी मुस्कान बनकर,
तो कभी आँखोंका पानी बनकर… !

25 March 2017

1140 ज़िन्दगी मोहब्बत हसीन नफरत दुनियाँ मोड़ शायरी


1140
बड़ी हसीन थी ज़िन्दगी जब,
ना किसीसे मोहब्बत थी,
ना किसीसे नफरत थी....!
फिर ज़िन्दगीमें एक ऐसा मोड़ आया
कि मोहब्बत एकसे और
नफरत सारी दुनियाँसे हो गयी…!!!

1138 मोहब्बत याद रख फासले शायरी


1138
याद रखते हैं हम आज भी,
उन्हें पहलेकी तरह;
कौन कहता हैं फासले,
मोहब्बतकी याद मिटा देते हैं।

1139 जिंदगी हमसफर पूरी हमसफर चंद लम्हा शायरी


1139
एक हमसफर वो होता हैं,
जो पूरी जिंदगी साथ निभाये..,
और एक हमसफर वो जो,
चंद लम्होमें पूरी जिंदगी दे जाये !

1137 सौदा ख़्वाब नींद शायरी


1137
सौदा कुछ ऐसा किया हैं
तेरे ख़्वाबोंने मेरी नींदोंसे,
या तो दोनों आते हैं,
या कोई नहीं आता...।

1136 घड़ी फितरत अजीब टिक शायरी


1136
घड़ीकी फितरत भी अजीब हैं,
हमेशा टिक-टिक कहती हैं,
मगर...,
ना खुद टिकती हैं और
ना दूसरोंको टिकने देती हैं !

24 March 2017

1135 ख़ुशी गम चाहत शायरी


1135
ख़ुशी कहाँ, हम तो...
"गम" चाहते हैं,    
ख़ुशी उन्हे दे दो,
जिन्हें "हम" चाहते हैं...!

1133 दिल अदला-बदली तड़प समझ मुस्कुरा बगैर धोखा शायरी


1133
"चलो दिलकी,
अदला-बदली कर लेते हैं...
तड़प क्या होती हैं,
ये तुम भी समझ जाओगे l"

1134 मुस्कुरा बगैर धोखा शायरी


1134
एक धोखा,
खुदको दे देता हूँ,
बगैर उनके,
मुस्कुरा जो लेता हूँ…

1132 सब्रकी उँगली पकड़ रास्ते हैरान शायरी


1132
फिर यूँ हुआ कि,
सब्रकी उँगली पकड़कर हम
इतना चले कि,
रास्ते हैरान हो गए

1131 दुनियाँ बदल अकेला अक्सर गिरके संभल पकड़ हाथ शायरी


1131
यूँ तो अकेला भी अक्सर,
गिरके संभल सकता हूँ मैं...
तुम जो पकड़ लो हाथ मेरा,
दुनियाँ बदल सकता हूँ मैं.......

23 March 2017

1130 अधिक खामोश बोल यादें शायरी


1130
अधिकतर खामोशसा रहता हूँ !
मुझमें बोलती रहती हैं यादें उनकी !!

1129 हँसते लोग संगत इत्र दुकान खरीद रूह महक शायरी



1129
हँसते हुए लोगोंकी संगत,
इत्रकी दुकान जैसे होती हैं,
कुछ ना खरीदो, फिर भी...
रूह महका देते हैं।

1128 मतलबी धोखेबाज़ चाह समझ बात धोखा शायरी


1128
हम उनके जैसे मतलबी और
धोखेबाज़ नहीं हैं,
जो की चाहनेवालोंको धोखा दे,
बस वो ये समझ ले,
की हमें समझना,
हर किसीके बसकी बात नहीं.....

1127 इश्क अजीब इन्सान जीता शायरी


1127
इश्क भी अजीब होता हैं
अपनोंको खोकर मीलता हैं
फिरभी इश्कमें ही इन्सान जीता हैं
तभी तो उसे इश्क कहते हैं
इश्क इश्क हैं...
ये इश्क इश्क ये इश्क इश्क हैं इश्क।

1126 वाकीफ मशहूर तौरतरीके जिद्द अंदाज जीने शायरी


1126
वाकीफ तो हम भी हैं,
मशहूर होनेके तौरतरीकोंसे
पर जिद्द तो,
अपने अंदाजसे जीनेकी हैं

22 March 2017

1125 अंदाज खामोश बोल बरस तरस शायरी


1125
हमारा अदांज ही कुछ ऐसा हैं कि...
हम बोलते हैं,
तो बरस जाते हैं !
और
खामोश रहते हैं,
तो लोग तरस जाते हैं...!!!

1124 दिल मुहोब्बत गम तंग सताऐ खिलौना समझ शायरी


1124
ना तंग करो इतना, हम सताऐ हुऐ हैं,
मुहोब्बतका गम दिलपें उठाऐ हुऐ हैं l
खिलौना समझकर हमसे ना खेलो,
हम भी उसी खुदाके बनाऐ हुऐ हैं ll

1123 आँख जादू जीना मरना वाक़िफ़ शौक़ शायरी


1123
"तेरी आँखोंके जादूसे,
तू ख़ुद नहीं हैं वाक़िफ़,
यह उसे भी जीना सिखा दे,
जिसे मरनेका शौक़ हो l"

1122 किताब फूल बाग तोड कीमती चीज़ दिल शायरी


1122
किताबोंमें कहते हैं,
फूल तोना मना हैं,
बागोंमें कहते हैं,
फूल तोड़ना मना हैं,
फूलोंसे कीमती चीज़ हैं दिल,
कोई नहीं कहता दिल तोड़ना मना हैं !

1121 पता सुन बेहद बुरा अच्छा गैर शायरी


1121
तुम आए थे,
पता लगा,
सुनकर अच्छा भी लगा,
पर गैरोंसे पता चला,
बेहद बुरा लगा l

21 March 2017

1120 दिल सच्चे आँखें बात भीग कमजोर शायरी


1120
जिनकी आँखें बात बातमें
भीग जाती हैं,
वो कमजोर नहीं...
दिलसे सच्चे होते हैं…!

1119 उम्र बर्बाद नुक़्स तराश शायरी


1119
उम्र बर्बाद कर दी हमने,
औरोंमें नुक़्स निकालते निकालते......
इतना कभी खुदको तराशते तो,
कबके खुदा तो हो गए होते......।

1118 बरस सफर ख़ाक शायरी


1118
इतने बरसोंका सफर,
यूँ ही ख़ाक हुआ...
जब उन्होंने कहां,
“कहो... कैसे आना हुआ ?”

1117 लिख सोच माँग चाह लफ्ज़ ख्याल मन्नत मोहोब्बत शायरी


1117
लिख दूँ तो लफ्ज़ तुम हो,
सोच लूँ तो ख्याल तुम हो,
माँग लूँ तो मन्नत तुम हो, और...
चाह लूँ तो मोहोब्बत भी तुम ही हो…!!!

1116 मुस्कराहट मोल रिश्त तोल मोड़ अनमोल मोहोब्बत शायरी


1116
मुस्कराहटका कोई मोल नहीं होता ,
कुछ रिश्तोंका कोई तोल नहीं होता ,
लो तो मिल जाते हैं हर मोड़पर...
लेकिन हर कोई आपकी तरह अनमोल नहीं होता !!!

20 March 2017

1115 ज़िक्र सजदे झुक फर्क झुक शायरी


1115
तेरा हुआ ज़िक्र,
तो हम तेरे सजदेमें झुक गये,
अब क्या फर्क पड़ता हैं,
मंदिरमें झुक गये या मस्जिदमें झुक गये !!!

1114 ताबीज गले पहन आराम दीदार शायरी


1114
सारे ताबीज,
गलेमें पहनकर देख लिए...
आराम तो बस,
तेरे दीदारसे ही मिला . . . !!!

1113 इश्क़ औरका शायरी


1113
इश्क़ वो नहीं जो,
तुझे मेरा कर दे...
इश्क़ वो हैं जो,
तुझे किसी औरका ना होने दे !!!

1112 तीनका साँस जोड नजर इंतजlर जान शायरी


1112
तीनका तीनका साँसोको,
जोडते रहें हम,
नके इंतजlमें...
.......
न्होने एक नजरमें 
जान ही ले ली . . . !

1111 ख़ामोश बात अन्दाज़ नाराज़ शायरी


1111
तेरी हर बात,
"ख़ामोशी" से मान लेना,
यह भी अन्दाज़ हैं,
मेरी नाराज़गीका...!

19 March 2017

1110 तन्हा आँसू बहाने हुनर पास जज्बात दफन खातिर शायरी


1110
तन्हा आँसू बहानेका हुनर,
सबके पास नहीं होता l
जज्बात दफन करने पडते हैं,
किसी अपनेकी खातिर ।

1108 अल्फ़ाज़ कंकर फ़ेंक झील गहरी ख़ामोशी शायरी


1108
अल्फ़ाज़के कुछ तो,
कंकर फ़ेंको...
यहाँ झीलसी गहरी,
ख़ामोशी हैं....

1109 मुस्कुराहट झूठी यार इंसान देखना समझना सीख शायरी


1109
मुस्कुराहटें झूठी भी,
हुआ करती हैं यारों...
इंसानको देखना नहीं,
बस समझना सीखो...!!!

1107 सोच दोस्त मुक़दमा तारीख़ बहाने मुलाक़ात शायरी


1107
सोच रहा हूँ की,
कुछ दोस्तोंपर मुक़दमा कर हीं दूँ...!!
कमसे कम इसी बहाने,
हर तारीख़पर उनसे,
मुलाक़ात तो हो ही जाया करेगी...!!!

1106 शहर मजदूर दरबदर घर शायरी


1106
इस शहरमें मजदूर जैसा,
दरबदर कोई नहीं,
सैंकड़ों घर बना दिये,
पर उसका कोई घर नहीं...

18 March 2017

1105 हवा आजमा चिराग बुझा जला शायरी


1105
हवासे कह दो की,
खुदको आजमाके दिखाये;
बहुत चिराग बुझाती हैं,
एक जलाके दिखाये...

1104 ज़िंदगी नादान चुप दर्द सुबह शाम जमाने दास्तां नाम शायरी


1104
ज़िंदगी हैं नादान इसलिए चुप हूँ...
दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ...
कह दूँ जमानेसे दास्तां अपनी...
उसमें आयेगा तेरा नाम इसलिए चुप हूँ...!

1103 दुनियाँ अजीब दर्द आँख कायर बात शायर शायरी


1103
ये दुनियाँवाले भी बडे अजीब हैं...
दर्द आँखोसे निकले,
तो कायर कहते हैं...
और बातोंसे निकले,
तो शायर कहेते हैं......