18 December 2017

2091 - 2095 दिल इश्क़ एहसास शिद्दत साये धूप लफ्ज़ इम्तिहां लकीरें अजीब बरसात काबू फ़रेब शायरी


2091
ये मत पूछ के,
एहसासकी शिद्दत क्या थी,
धूप ऐसी थी के,
सायेको भी जलते देखा।

2092
इश्क़ नहीं हैं तुमसे,
जो तुमसे हैं...
उसके लिए कोई
लफ्ज़ नहीं.......

2093
हाथकी लकीरें भी
कितनी अजीब हैं...
कम्बख्त मुठ्ठीमें हैं
लेकिन काबूमें नहीं...!!!

2094
तू ही बता...
किस कोनेमें सुखाऊँ यादें तेरी...
बरसात...
बाहर भी हैं और भीतर भी.......

2095
दिलको इसी फ़रेबमें,
रखा हैं उम्रभर;
इस इम्तिहांके बाद,
कोई इम्तिहां नहीं.......!

2086 - 2090 दिल प्यार मोहब्बत याद लख्ते जिगर दुश्वार नजर मेहफिल दर्द वक़्त बहार करार इंतज़ार शायरी


2086
उनको आती नहीं हमारी याद अभी,
लख्ते जिगर कहां करते थे हमे शायद कभी,
उनसे नजरे भी मिलाना दुश्वार हो गया,
जो मेहफिलमें बुलाया करते थे खुद कभी...

2087
फूल उसे देना, जो बहार जानता हो...
दर्द उसे देना, जो करार जानता हो...
वक़्त उसे देना, जो इंतज़ार जानता हो...
और दिल उसे देना, जो प्यार जानता हो !!!

2088
कोई खुशियोंकी चाहमें रोया,
कोई दुखोंकी पनाहमें रोया,
अजीब सिलसिला हैं ये जिन्दगीका,
कोई भरोसेक़े लिए रोया तो कोई भरोसा करक़े रोया...

2089
न ख्वाहिशें हैं न शिकवे हैं
अब न ग़म हैं कोई,
ये बेख़ुदी भी कैसे कैसे
ग़ुल खिलाती हैं।

2090
बदल गया वक़्त,
बदल गयी बातें,
बदल गयी मोहब्बत,
कुछ नहीं बदला तो वो हैं,
इन आँखोंकी नमी और तेरी कमी !!!

16 December 2017

2081 - 2085 दिल मुहब्बत मुलाक़ात खयाल याद शराबी दिक्कत मौसम बरसात बारिश शायरी


2081
हमें नशा तो आपकी बातका हैं,
कुछ नशा तो धीमी बरसातका हैं,
हमें आप यूँही शराबी ना कहिये...
इस दिलपर असर तो आपसे मुलाक़ातका हैं !!!

2082
तुम्हारे खयालोमें चलते चलते,
कही फिसल ना जाऊ मैं,
अपनी यादोंको रोको,
की मेरे शहरमें बारिशका मौसम हैं...!

2083
कहीं फिसल ना जाओ ज़रा,
संभलके रहना...!
मौसम बारिशका भी हैं और...
मुहब्बतका भी.......!!!

2084
मेरे शहरमें,
ख़ुदाओंकी कमी नहीं हैं,
दिक्कतें तो मुझे आजभी,
इंसान ढूंढनेमें होती हैं.......

2085
वफ़ाके वादे वो सारे,
भुला गयी चुप चाप,
वो मेरे दिलकी दीवारें,
हिला गयी चुप चाप.......

2076 - 2080 बेवफा इम्तेहा नज़रे नादान रोना आँसू जान ग़ज़ल किताब आसमां समझ ज़माना शायरी


2076
वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी...
मिलेगी नज़रोंसे नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी...
उसे मेरी कबरपर दीया मत जलाने देना...
वो नादान हैं यारों... अपना हाथ जला लेगी...

2077
सोचा ही नहीं था मैंने कि,
ऐसे भी ज़माने होंगे,
रोना भी ज़रूरी होगा और,
आँसू भी छुपाने होंगे . . .

2078
"जान"
थी वह मेरी
और "जान" तो
एक दिन चली ही जाती हैं...

2079
अर्ज किया हैं,
हवा चुरा ले गयी थी
मेरी ग़ज़लोंकी किताब l
देखो, आसमां पढ़के रो रहा हैं,
और
नासमझ ज़माना खुश हैं कि
बारिश हो रही हैं...!

2080
वो कहता हैं की,
बता तेरा दर्द कैसे समझू,
मैंने कहां...
की इश्क़ कर और करके हार जा !

14 December 2017

2071 - 2075 मोहब्बत जिंदगी महफ़िल तमाशे प्रेम दुश्मन गैर शिक़ायत रूठ बोल उम्मीद शायरी


2071
प्रेम तो सबको गैरोसे ही होता हैं...
अपने तो बस,
प्रेमके दुश्मन ही होते हैं...!

2072
वो रूठक़े बोले क़ी,
तुम्हे सब शिक़ायते मुझसे हैं,
मैने मनाया और क़हां क़ी,
मुझे सब उम्मीदे तुमसे हैं !!

2073
"कोई बेसबब, कोई बेताब,
कोई चुप, कोई हैरान...!
ऐ जिंदगी, तेरी महफ़िलके तमाशे,
ख़त्म नहीं होते......."

2074
सिर्फ मोहब्बत ही,
ऐसा खेल हैं...
जो सीख जाता हैं,
वहीं हार जाता हैं।

2075
एक मुख़्तसरसी वजह हैं,
मेरे झुकके मिलनेकी
मिट्टीका बना हूँ,
गुरुर जँचता नहीं मुझपर !!!

13 December 2017

2066 - 2070 इश्क़ गुलाब जवाब सवाल नशा शराब बात रूठ साथ खुश आईना आदत कीमत भरोसे शायरी


2066
मैं तोड लेता अगर तू गुलाब होती,
मैं जवाब बनता अगर तू सवाल होती...
सब जानते हैं मैं नशा नहीं करता,
मगर मैं पी भी लेता अगर तुम शराब होती ...

2067
बिन बातके ही रूठनेकी आदत हैं,
किसी अपनेका साथ पानेकी चाहत हैं,
आप खुश रहें, मेरा क्या हैं.......
मैं तो आईना हूँ, मुझे तो टूटनेकी आदत हैं

2068
उसीसे पुछ लो,
उसके इश्क़की कीमत;
हम तो बस,
भरोसेपें बिक गए.......

2069
हमारी 'शायरी' सुनकर,
बस इतनासा बोले 'महफ़िल' में लोग...
'कलम' छिन लो इससे...
इसके 'लफ़्ज', ... 'दिल चीर' देते हैं ...

2070
आज कोई शायरी नहीं...
बस इतना सुन लो...
मैं तन्हा हूँ ,
और वजह तुम हो.......!

11 December 2017

2061 - 2065 मोहब्बत दर्द दिल सुबह रात शर्त ज़ुदाई मौत वक्त अजीब दूरियाँ नज़दीकियाँ शायरी


2061
तुम क़्या ज़ानो,
मोहब्बतमें ज़ुदाई क़्या होती हैं,
क़्योंक़ि तुमने क़ि हीं नहीं थी।


2062
दर्द तो सबक़े दिलोंमें हैं l
बस क़ोई लिख़ रहा हैं,
क़ोई पढ़ रहा हैं...!
2063
रातकी मुट्ठीमें,
एक सुबह भी हैं
शर्त हैं की पहले,
जी भर अँधेरा तो देख ले...

2064
मौतके मारोंको,
यहाँ हजार कंधे मिल जाते हैं,
कोई नहीं चलता,
पर वक्तके मारोंके साथ...

2065
कितनी अजीब बात हैं.......
दूरियाँ सिखाती हैं कि,
नज़दीकियाँ क्या होती हैं?

10 December 2017

2056 - 2060 दिल रूह मोहब्बत प्यार फासला ज़िन्दगी तलाश सिमट सुकून खबर फुरसत रंजिशे मोहलत अरमान शायरी


2056
दिलसे दिलका फासला,
कुछ यूँ तय हो जाये...
दिल मेरा धड़के,
और खबर तुझे हो जाये...

2057
ज़िन्दगी गुज़र जाती हैं ये ढूँढनेमें
कि..... ढूंढना क्या हैं...!
अंतमें तलाश सिमट जाती हैं इस सुकूनमें कि ...
जो मिला... वो भी कहाँ साथ लेकर जाना हैं ...
फुरसत मिले जब भी रंजिशे भुला देना,
मालुम नही कि सांसोकि,
मोहलत कहाँ तक मिली हैं...

2058
हर पलमें प्यार हैं,
हर लम्हेमें ख़ुशी हैं !
खो दो तो याद हैं...
जी लो तो ज़िन्दगी हैं ...!

2059
मैने कहां खुदासे कि
ज़हरसे जहरीला कोई ज़हर दे दे....
फिर क्या था,,,
खुदाने मेरी हथेलीमें मोहब्बत लिख दी...

2060
बाद मरनेक़े भी,
अरमान यहीं हैं ऐ दोस्त।
रूह मेरी तिरे,
आग़ोश-ए-मोहब्बतमें रहे।।

8 December 2017

2051 - 2055 इश्क प्यार रूह आँखे दुनियाँ याद एहसास सुकून जिन्दगी ख़ुशी ख्वाहिश कबूल जिस्म तमन्ना दुआ शायरी


2051
जागना भी कबूल हैं,
तेरी यादोंमें रातभर,
तेरे एहसासोंमें जो सुकून हैं,
वो नींदमें कहां .......

2052
दुआ करनी तो नहीं आती,
मगर यह ख्वाहिश हैं बस...
जहाँ साया भी उनका हो
वहांपर गम न आये...!

2053
तेरे प्यारमें दो पलकी जिन्दगी बहोत हैं,
एक पलकी हंसी और एक पलकी ख़ुशी बहोत हैं;
ये दुनियाँ मुझे जाने या ना जाने,
तेरी आँखे मुझे पहेचाने ये बहोत हैं !

2054
तमन्ना होती तेरे जिस्मकी
तो छीन लेते दुनियाँसे,,,
इश्क हैं तेरी रूहसे इसलिए,
खुदासे मांगते हैं तुझे।

2055
ना छेड़ किस्सा-ए-उल्फतका,
बड़ी लम्बी कहानी हैं...
मैं गैरोंसे नहीं हारा,
किसी अपनेकी मेहरबानी हैं.......

7 December 2017

2046 - 2050 दिल दर्द जिन्दगी निगाह आहट प्यास सूरत उदास मंजिल मुश्किल नजरियाँ शायरी


2046
इस दिलको किसीकी आहटकी आस रहती हैं,
निगाहको किसी सूरतकी प्यास रहती हैं,
तेरे बिना जिन्दगीमें कोई कमी तो नही,
फिरभी तेरे बिना जिन्दगी उदास रहती हैं...

2047
लोग हर मंजिलको मुश्किल समझते हैं,
हम हर मुश्किलको मंजिल समझते हैं,
बडा फर्क हैं लोग और हमारे नजरियाँमें,
लोग दिलको दर्द और हम दर्दको दिल समझते हैं...

2048
"लोग कहते हैं,
समझो तो खामोशियाँ भी बोलती हैं,
मैं अरसेसे ख़ामोश हूँ,
वो बरसोंसे बेख़बर हैं...

2049
"चाँदका क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली,
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली,
उनसे क्या कहे वो तो सच्चे थे,
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली"...

2050
एक ख़्वाब ही था,
जिसने साथ ना छोड़ा...!!
हक़ीक़त तो बदलती रही,
हालातोंके साथ...!!!

6 December 2017

2041 - 2045 दिल मोहब्बत प्यार रिवायत इश्क़ तकिये तस्वीर ख़याल बेपनाह बवाल उम्र मुसीबत शायरी


2041
तकियेके नीचे दबाकर रखें हैं...
तुम्हारे ख़याल... 
एक तस्वीर...
बेपनाह इश्क़...
और बहुत सारे बवाल.......!

2042
मत हो उदास इतना किसीके लिये...
ए दिल...
किसीके लिए जान भी दे देगा...
तो लोग कहेंगे इसकी उम्र ही इतनी थी...

2043
मुझे अपनी बुजुर्गोकी हिदायत काम आती हैं
मुसीबतकी घड़ीमें ये आदत काम आती हैं
दिलोंके फैसले यारो अदालत कर नहीं सकती।
यहा तो बस मोहब्बतकी रिवायत काम आती हैं

2044
सज़ा बन जाती हैं,
गुज़रे हुए वक़्तकी यादें,
ना जाने क्यों छोड़ जानेके लिये...
मेहरबान होते हैं लोग...!
परवीन शाकिर

2045
वादेपें वो ऐतबार नहीं करते,
हम जिक्र मोहब्बत सरे बाजार नहीं करते,
डरता हैं दिल उनकी रुसवाईसे,
और वो सोचते हैं हम उनसे प्यार नहीं करते l
                                                         मिर्झा गालिब

5 December 2017

2036 - 2040 मुहब्बत आँसु सवाल वजूद वजह याद साथ आजाद तजुर्बे बात दर्द दवाई मौसम बारिश शायरी


2036
देखना ...
एक दिन बदल जाऊंगा,
पूरी तरह मैं...
तुम्हारे लिए न सही...
लेकिन ...
तुम्हारी वजहसे ही सही.......

2037
राख होता हुआ वजूद,
मुझसे थककर सवाल करता हैं...
मुहब्बत करना तेरे लिए,
इतना ही जरुरी था क्या...?

2038
सारा दिन तो बाँध कर
रखता हूँ मैं इन आँसुओंको,
पर रातको आजाद हो ही जाते ओं
तेरी यादोंके साथ !!!

2039
तजुर्बेने एक बात सिखाई हैं...
एक नया दर्द ही,
पुराने दर्दकी दवाई हैं.......

2040
क्या रोग दे गई हैं
ये नए मौसमकी बारिश,
मुझे याद आ रहे हैं...
मुझे भूल जानेवाले !!!

4 December 2017

2031 - 2035 दिल इश्क़ ज़िन्दगी होठ हंसी मुस्कराहट हकीकत उदास बात मुस्कान नवाज़ क़ाफ़िर साँस शायरी


2031
वह सच कहेते थे,
मेरी मुस्कराहट बहोत अच्छी हैं,
इसलिए वह मुझे छोड़के...
मेरी मुस्कान ले गए.......

2032
होठोंकी हंसीको मत समझ
हकीकत ऐ ज़िन्दगी,
दिलमें उतरके देख
कितने उदास हैं हम तेरे बिना।

2033
नवाज़ -ए- इश्क़ तेरे दरपर,
अदा क़र रहा हूँ…
अब क़िसी औरक़ो चाहूँ,
तो क़ाफ़िर क़हना ।

2034
मेरी धड़कनोंको छूकर,
और परेशां ना करो,
ये थमसी जाती हैं,
तेरा ख्यालभर आ जानेसे...

2035
तेरे सिवा कौन,
समा सकता हैं मेरे दिलमें,
रूह भी गिरवी रख दी हैं,
मैने तेरी चाहतमें.......