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चेहरेपर ख़ुशी,
आँखोंमें नमी हैं...
हर साँस कहती हैं,
बस तेरी कमी हैं.......!
6947आँसूओंकी नमीका,क्या करते...मुस्कुराहटमें,दर्द दिखता हैं...डॉ. फौज़िया नसीम शाद
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आज फिर मौसम नम हुआ,
मेरी आँखोंकी तरह...
शायद बादलोंका दिलभी,
किसीने तोड़ा होगा.......
6949साँसोंमें तपिश, यादोंमें कसक,आहोंमें नमी हैं lइस महीनेमें सब कुछ हैं,बस उसकी कमी हैं.......ll
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ये जो,
सूखी टहनियोंमें,
ज़रासी नमी बची हैं ना...
इसीको यादें कहते हैं.......!