24 December 2020

6946 - 6950 दिल चेहरे आँख साँस ख़ुशी यादें मुस्कुराहट दर्द नमी ग़म शायरी

 

6946
चेहरेपर ख़ुशी,
आँखोंमें नमी हैं...
हर साँस कहती हैं,
बस तेरी कमी हैं.......!

6947
आँसूओंकी नमीका,
क्या करते...
मुस्कुराहटमें,
दर्द दिखता हैं...
डॉ. फौज़िया नसीम शाद

6948
आज फिर मौसम नम हुआ,
मेरी आँखोंकी तरह...
शायद बादलोंका दिलभी,
किसीने तोड़ा होगा.......

6949
साँसोंमें तपिश, यादोंमें कसक,
आहोंमें नमी हैं l
इस महीनेमें सब कुछ हैं,
बस उसकी कमी हैं.......ll

6950
ये जो,
सूखी टहनियोंमें,
ज़रासी नमी बची हैं ना...
इसीको यादें कहते हैं.......!

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