6846
आया ही था ख़्याल,
के आँखे छलक पड़ी...
आँसू किसीकी यादके,
कितने करीब हैं.......
6848
तुम्हारी आँखोंमें बसा हैं,
आशियाना मेरा l
अगर ज़िन्दा रखना चाहो तो,
कभी आँसू मत लाना ll
6850
मेरे नामपर,
उसकी आँखोंमें आँसू l
उफ्फ़...
ना कर मज़ाक इस बातपर...
6847बस ये हुआ के...उसने तकल्लुफसे बातकी;और हमने रोते रोते,दुपट्टे भिगो लिए.......
6848
तुम्हारी आँखोंमें बसा हैं,
आशियाना मेरा l
अगर ज़िन्दा रखना चाहो तो,
कभी आँसू मत लाना ll
6849आँसू मेरी आँखोंमें हैं,आह मेरे लबपर...दीवानगी मेरे सरमें हैं,तमन्ना मेरे दिलमें...
6850
मेरे नामपर,
उसकी आँखोंमें आँसू l
उफ्फ़...
ना कर मज़ाक इस बातपर...
जान भी जा
सकती हैं ll
No comments:
Post a Comment