3 December 2020

6846 - 6850 दिल ख़्याल दीवानगी मज़ाक तमन्ना लब नाम याद आँखे आँसू शायरी

 

6846
आया ही था ख़्याल,
के आँखे छलक पड़ी...
आँसू किसीकी यादके,
कितने करीब हैं.......


6847
बस ये हुआ के...
उसने तकल्लुफसे बातकी;
और हमने रोते रोते,
दुपट्टे भिगो लिए.......

6848
तुम्हारी आँखोंमें बसा हैं,
आशियाना मेरा l
अगर ज़िन्दा रखना चाहो तो,
कभी आँसू मत लाना ll

6849
आँसू मेरी आँखोंमें हैं,
आह मेरे लबपर...
दीवानगी मेरे सरमें हैं,
तमन्ना मेरे दिलमें...

6850
मेरे नामपर,
उसकी आँखोंमें आँसू l
उफ्फ़...
ना कर मज़ाक इस बातपर...
जान भी जा सकती हैं ll

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