2 December 2020

6841 - 6845 याद प्यास उम्र शोला शबनम आँख आँसू शायरी

 

6841
तुम्हारी यादमें आँसू बहाना,
यूँ भी जरूरी हैं...
रुके दरियाके पानीको तो,
प्यासाभी नहीं छूता.......

6842
मीठी यादोंसे,
गिर रहा था ये आँसू...
फिर भी जाने क्यों,
यह खारा था.......

6843
रूठा था जिस गुरुरसे,
वो भी तो याद कर...
आँखोंमें तेरी आज,
यह आँसू फजूल हैं...

6844
गालोंपर ये,
ढलकतेहुए आँसू, तौबा...
हमने शोलोंपें मचलतीहुई,
शबनम देखी.......!!!

6845
आज आँसू तुमने,
पोंछेभी तो क्या...
ये तो अपना,
उम्रभरका काम हैं...!

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