6841
तुम्हारी यादमें आँसू बहाना,
यूँ भी जरूरी हैं...
रुके दरियाके पानीको तो,
प्यासाभी नहीं छूता.......
6842मीठी यादोंसे,गिर रहा था ये आँसू...फिर भी न जाने क्यों,यह खारा था.......
6843
रूठा था जिस गुरुरसे,
वो भी तो याद कर...
आँखोंमें तेरी आज,
यह आँसू फजूल हैं...
6844गालोंपर ये,ढलकतेहुए आँसू, तौबा...हमने शोलोंपें मचलतीहुई,शबनम देखी.......!!!
6845
आज आँसू तुमने,
पोंछेभी तो क्या...
ये तो अपना,
उम्रभरका
काम हैं...!
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