6856
आँखका आँसू तो हर कोई,
बन जाता हैं यहाँ...
हम तो बस मुस्कुराहट बननेकी,
आरज़ू रखते हैं.......
6857पल फुर्सतोंके,ज़िंदगीसे छाँट लेते हैं lचलो ना थोडी खुशियाँ,थोडे आँसू बाँट लेते हैं ll
6858
निदामतके चिरागोंसे,
बदल जाती हैं तकदीरें...!
अँधेरी रातके आँसू,
खुदासे बात करते हैं...!!!
6859बस इस ख्यालसे,आँसू छुपा लिए हमने...उदास रहकर किसीको,उदास क्या करना.......!
6860
आँसू पीकरभी जो मुस्कुराए,
वही तो ज़मानेको जीत पाए...l
डूब जाते हैं उम्मीदोंके सफ़ीने इसमें,
मैं नहीं मानती,
आँसू ज़रासा
पानी हैं...ll
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