7 December 2020

6861 - 6865 दिल प्यार याद तरन्नुम चेहरे यकीन ख्याल आँख आँसू शायरी

 
6861
यह उड़ीउड़ीसी रंगत...
यह खिलेखिलेसे आँसू...
तेरी सुबह कह रही हैं,
तेरी रातका फ़साना...
                     दाग़ देहलवी

6862
लबोंपर तरन्नुमके आँखोंमें आँसू,
के हम रो दिए मुस्कुरानेसे पहले...
बरसती रहीं मुस्तक़िल मेरी आँखे,
बहुत याद आए तुम आनेसे पहले...

6863
सिर्फ़ चेहरेकी उदासीसे,
भर आए आँसू, फ़राज़...
दिलका आलम तो अभी,
आपने देखा ही नहीं.......
                     अहमद फ़राज़

6864
मुझे जाने उसपर,
इतना यकीन क्यों हैं;
उसका ख्यालभी इतना,
हसीन क्यों हैं;
सुना हैं प्यारका दर्द,
मीठा होता हैं;
तो आँखसे निकला आँसू,
नमकीन क्यों हैं.......!

6865
अब अपने चेहरेपर,
दो पत्थरसे सजाए फिरता हूँ l
आँसू लेकर बेच दिया हैं,
आंखोंकी बीनाईको ll
                       शहज़ाद अहमद

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