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हुए जिसपर मेहरबान तुम,
कोई खुशनसीब होगा...
मेरी हसरतें तो निकली,
मेरे आँसुओंमें ढलकर...
6852न जाने कितने आँसू बहाते हैं,हम तेरे इश्कमें हररोज...इतने आँसू पीकर भी,ये इश्क प्यासा क्यों हैं... ए खुदा !
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चाहत वो नहीं, जो जान देती हैं,
चाहत वो नहीं, जो मुस्कान देती हैं l
चाहत तो वो हैं जो...
पानीमें गिरा आँसू पहचान लेती हैं !!!
6854यह आँसू भी एक अलग परेशानी हैं ;ख़ुशी और गम दोनोंकी निशानी हैं ;समझने वाले के लिए तो अनमोल हैं...जो ना समझ पाए उनके लिए तो सिर्फ़ पानी हैं...!
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तेरी जुदाईमें यूँ आँसू बहाते रहते हैं,
उम्मीदके दिए आँधियोंसे बचाए रहते हैं...l
चाहत हैं केवल तुझसे प्यार करनेकी,
इस चाहतको ही एक
आस बनाये रहते
हैं...ll
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