4 December 2020

6851 - 6855 इश्क प्यार चाहत ख़ुशी प्यास मुस्कान गम हसरतें जुदाई परेशानी आँसू शायरी

 

6851
हुए जिसपर मेहरबान तुम,
कोई खुशनसीब होगा...
मेरी हसरतें तो निकली,
मेरे आँसुओंमें ढलकर...

6852
जाने कितने आँसू बहाते हैं,
हम तेरे इश्कमें हररोज...
इतने आँसू पीकर भी,
ये इश्क प्यासा क्यों हैं...  खुदा !

6853
चाहत वो नहीं, जो जान देती हैं,
चाहत वो नहीं, जो मुस्कान देती हैं l
चाहत तो वो हैं जो...
पानीमें गिरा आँसू पहचान लेती हैं !!!

6854
यह आँसू भी एक अलग परेशानी हैं ;
ख़ुशी और गम दोनोंकी निशानी हैं ;
समझने वाले के लिए तो अनमोल हैं...
जो ना समझ पाए उनके लिए तो सिर्फ़ पानी हैं...!

6855
तेरी जुदाईमें यूँ आँसू बहाते रहते हैं,
उम्मीदके दिए आँधियोंसे बचाए रहते हैं...l
चाहत हैं केवल तुझसे प्यार करनेकी,
इस चाहतको ही एक आस बनाये रहते हैं...ll

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