1 December 2020

6836 - 6840 दर्द बेबसी दामन बेवफाई आवारा इनायत आँख आँसू शायरी

 

6836
अब तेरी आँखमें,
आँसू किस लिए...?
जब छोड़ ही दिया था तो,
भुला भी दिया होता.......

6837
बेबसी तेरी इनायत हैं,
कि हम भी आजकल;
अपने आँसू अपने दामनपर,
बहाने लग गये.......

6838
मेरी आँखोंसे बहने वाला,
ये आवारासा आँसू,
पूछ रहा हैं पलकोंसे,
तेरी बेवफाईकी बजह...

6839
कुछ तो हैं जो,
तुझमे भी हैं, मुझमे भी हैं !
यूँही तो नहीं तेरे दर्दमें,
मेरे आँसू बहते हैं...!!!

6840
आँसू भी मेरी आँखके,
अब खुश्क हो गए...
तू ने मेरे ख़ुलूसकी,
कीमत भी छीन ली.......

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