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अब तेरी आँखमें,
आँसू किस लिए...?
जब छोड़ ही दिया था तो,
भुला भी दिया होता.......
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बेबसी तेरी इनायत
हैं,
कि हम भी
आजकल;
अपने आँसू अपने
दामनपर,
बहाने लग गये.......
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मेरी आँखोंसे बहने वाला,
ये आवारासा आँसू,
पूछ रहा हैं पलकोंसे,
तेरी बेवफाईकी बजह...
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कुछ तो हैं
जो,
तुझमे भी हैं,
मुझमे भी हैं !
यूँही तो नहीं
तेरे दर्दमें,
मेरे आँसू बहते
हैं...!!!
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आँसू भी मेरी आँखके,
अब खुश्क हो गए...
तू ने मेरे ख़ुलूसकी,
कीमत भी छीन
ली.......
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