25 December 2020

6951 - 6955 दिल ज़िन्दगी याद साँस नसीब ख़ुशी ग़म शायरी

 

6951
मैने दिलसे कहा उसे,
थोड़ा कम याद किया कर...
दिलने कहा वो साँस हैं तेरी,
तु साँसही मत लिया कर...!

6952
कैसे कह दूँ मिला नहीं,
नसीबसे कुछ मुझको...
मैंने जब भी माँगा,
तेरी ख़ुशी मांगी,
शायद तुम्हें नहीं माँगा...

6953
ख़ुशी उनको नहीं मिलती,
जो अपने ईरादेसे,
ज़िन्दगी जिया करते हैं...
ख़ुशी उनको मिलती हैं,
जो दुसरोंकी ख़ुशीके लिए,
अपने ईरादे बदल दिया करते हैं...

6954
ये ना पूछना,
ज़िन्दगी ख़ुशी कब देती हैं...
क्योकि शिकायते तो उन्हें भी हैं,
जिन्हें ज़िन्दगी सब देती हैं.......

6955
मैने हर गमको खुशीमें ढाला हैं,
मेरा हर इक रंग निराला हैं,
लोग जिन हादिसोंमें मरते हैं,
मुझको उन हादिसोंने पाला हैं...!
                                    नरेश कुमार

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