24 December 2020

6946 - 6950 दिल चेहरे आँख साँस ख़ुशी यादें मुस्कुराहट दर्द नमी ग़म शायरी

 

6946
चेहरेपर ख़ुशी,
आँखोंमें नमी हैं...
हर साँस कहती हैं,
बस तेरी कमी हैं.......!

6947
आँसूओंकी नमीका,
क्या करते...
मुस्कुराहटमें,
दर्द दिखता हैं...
डॉ. फौज़िया नसीम शाद

6948
आज फिर मौसम नम हुआ,
मेरी आँखोंकी तरह...
शायद बादलोंका दिलभी,
किसीने तोड़ा होगा.......

6949
साँसोंमें तपिश, यादोंमें कसक,
आहोंमें नमी हैं l
इस महीनेमें सब कुछ हैं,
बस उसकी कमी हैं.......ll

6950
ये जो,
सूखी टहनियोंमें,
ज़रासी नमी बची हैं ना...
इसीको यादें कहते हैं.......!

23 December 2020

6941 - 6945 दिल दगा पल धड़कन आँखे आँसू याद ख़ुशी नमी ग़म शायरी

 

6941
पलभर तुझे ना सोचु तो,
धड़कने तरसने लगती हैं...
तुमको जो देख लू तो,
नम आँखे भी हसने लगती हैं...

6942
आपकी याद...
आती रही रातभर ;
चश्म--नम,
मुस्कुराती रहीं रातभर ll
मख़दूम मुहिउद्दीन

6943
और भी कितने तरीक़े हैं,
बयान--ग़मके...
मुस्कुराती हुई आँखोंको तो,
पुर-नम करो.......
                         अब्दुल अज़ीज़

6944
यह तो नहीं कि गम नहीं...
लेकिन मेरी आँख नम नहीं...
फिराक गोरखपुरी

6945
नम हैं आँखे मेरी मगर...
एकभी आँसू बह ना पायेगा...
ये दिलभी कितना दगाबाज़ हैं, यारो...
खुदको भूल जायेगा मगर...
तुझे ना भूल पायेगा.......

22 December 2020

6936 - 6940 आँसू आदत बहाना हिज्र सफ़र मुसाफ़िर ख़ुशी नमी ग़म शायरी

 

6936
हम मुसाफ़िर हैं गर्द--सफ़र हैं,
मगर शब--हिज्र हम कोई बच्चे नहीं;
जो अभी आँसुओंमें नहाकर गए,
और अभी मुस्कुराते पलट आएँगे ll
                                     ग़ुलाम हुसैन साजिद

6937
गमके मारे जो मुस्कुराए हैं,
आँसुओंको भी पसीने आए हैं,
क्या बला हैं ख़ुशी नहीं मालूम...
हमतो बस नाम सुनते आए हैं ll

6938
ग़मोसे उलझकर मुस्कुराना,
मेरी आदत हैं l
मुझे नाकामियोंपें,
आँसू बहाना नहीं आता...ll

6939
जाने कब गुम हुआ,
कहाँ खोया...
इक आँसू,
छुपाके रखा था...

6940
तेरी जुबानने कुछ,
कहा तो नहीं था...
फिर जाने क्यों मेरी,
आँख नम हो गयी.......

6931 - 6935 मोहब्बत याद हैरान वजह नज़रें आँसु इशारा आँखोंकी नमी शायरी

 

6931
हैरान कर दिया,
उसने आँसुओंकी वजह पूछकर...
जो शख्स कभी मुझको,
मुझसे ज्यादा जानता था.......

6932
इशारा यहभी हैं, की आँखें चुराएँ...
इशारा यहभी हैं, की नज़रें मिलाएँ...
पर मोहब्बत उसे कहते हैं हुज़ूर...
की वो बिन कहेही सब समझ जाएँ ll

6933
तेरी यादोंको पसंद गई हैं,
मेरी आँखोंकी नमी...
हँसनाभी चाहू तोभी,
रुला देती हैं तेरी कमी...

6934
हिम्मत इतनी थी,
समुन्दरभी पार कर सकते थे;
मजबूर इतने हुए कि,
दो बूँद आँसुओंने डुबो दिया...!

6935
गंगा सागरसे मिलकर बोली,
मुझे अपनेमें समाते तो...
फिरभी सागर कहलाते हो?,
सागर बोला अपने आँसुओंको...
दूरतक बरसाया हैं,
तब जाकर तुझको पाया हैं.......!

20 December 2020

6926 - 6930 तोहफे याद दीदार शराब जाम बेवफ़ाई ख़याल आँखोंकी नमी अश्क़ शायरी

 

6926
सोचकर बाज़ार गये था,
कुछ अश्क़ बेचने...
हर खरीददार बोला,
तोहफे बिका नहीं करते...!

6927
तेरी यादोंकी नौकरीमें,
दीदारकी तनख़्वाह मिलती हैं;
खर्च हो जाते हैं अश्क़ नैनोंके,
रहमत कहाँ उधार मिलती हैं...?

6928
मेरे अश्क़ भी हैं इसमें,
ये शराब उबल ना जाएँ...
मेरा जाम छूनेवाले,
तेरा हाथ जल ना जाएँ.......

6929
अश्क़ अच्छेही तो हैं...
मसला ग़म बहानेका अगर हैं...!

6930
बेवफ़ाईका मुझे,
जबभी ख़याल आता हैं...
अश्क़ रुख़सारपर,
आँखोंसे निकल जाते हैं...

19 December 2020

6921 - 6925 वक्त बेवफाई लफ़्ज़ जुदाई दर्द तबस्सुम रुख़सार आँख अश्क़ शायरी

 

6921
उसकी जुदाईको लफ़्ज़ोंमें,
कैसे बयान करें...
वो रहती दिलमें,
धडकती दर्दमें और,
बहती अश्क़में.......

6922
गिरा पलकोंसे,
अश्क़ तो सोचा ना था;
रुख़सारपर हाथ तेरे,
संभाल लेंगे उन्हें.......

6823
ना देख पीछे मुड़कर,
वक्तको वो गुजर गया...
सुनो हथेलीमें एक बूँद अश्क़की,
कब तक संभालोगे.......

6924
किसी चेहरेपें तबस्सुम,
किसी आँखमें अश्क़,
अजनबी शहरमें अब,
कौन दोबारा जाये...?

6925
अश्क़ गिरे मेरे,
जो उसके पहलूमें,
बेवफाई इस शहरमें,
फिर आम हो गई.......

18 December 2020

6916 - 6920 इन्तजार गवाही बेबसी यादें शिद्दत बेबसी इन्तजार तड़प आँख अश्क़ शायरी

 

6916
तुमने पौंछेही नहीं,
अश्क़ मेरी आँखोंसे...
मैंने खुद रो के बहुत देर,
हँसाया था तुम्है.......

6917
तुम्हारी यादकी शिद्दतमें,
बहनेवाला अश्क़,
ज़मींमें बो दिया जाएँ,
तो आँख उग आएँ.......!

6918
वापस ले लो वो सारी यादें,
तड़प और अश्क़...
जुर्म कोई नही हैं मेरा,
तो फिर ये सज़ा कैसी.......?

6919
खुद अपनी बेबसीकी,
उड़ाई हैं यूँ हँसी...
आये जो अश्क़ आँखोंमें,
हम मुस्कुरा दिये.......

6920
इन्तजारका वो अश्क़,
मेराही हैं ;
तेरी भीगी आस्तीन,
मेरे इश्ककी गवाही हैं आजभी ll

6911 - 6915 जिंदगी उल्फ़त मोहब्बत वफ़ा अफ़साने गम ख़्याल सपने निगाह आँखे अश्क़ शायरी

 

6911
गमके बादल बहुत घने थे,
आँखे मेरी अश्क़ तेरे थे,
पथरायी आँखोंमें सपने,
पत्थर जैसेही दिखते थे ll

6912
ये ख़्यालोंकी बदहवासी हैं,
या तेरे नामकी उदासी हैं,
अश्क़ चेहरेके मरुस्थलमें हैं,
आँख पानीके घरमें प्यासी हैं ll

6913
मोतीही थे, जबतक...
निगाहोंमें थे !
गिरतेही जमींपर,
अश्क़ हो गए...!

6914
कितने नाज़ोंसे यूँ,
पलकोंपें बिठा रखे हैं..
आँखोंने अश्क़भी,
मोतीसे सजा रखे हैं...

6915
उल्फ़त, मोहब्बत, वफ़ा,
अश्क़, अफ़साने...
लगता हैं वो आया ही था,
जिंदगीमें सिर्फ उर्दू सिखाने.......!

16 December 2020

6906 - 6910 ज़िन्दगी याद रोशनी ख्वाब पनाह निगाह आँख़ अश्क़ शायरी

 

6906
अपनी आँख़ोंके अश्क़ बहाकर सोना;
तुम मेरी यादोंका दिया जलाकर सोना;
डर लगता हैं नींद ही छीन ना ले तुझे...
तू रोज़ मेरे ख्वाबोमें आकर सोना.......

6907
छलके थे जो कभी,
आँख़ोंसे मेरी...
अश्क़ वो क्यों,
तेरी आँख़ोंसे मिले...

6908
ज़िन्दगी तूने मुझे,
तोहफ़े बड़े अनमोल दिये हैं...
अश्क़ जितने भी थे,
सब नाम मेरे तौल दिये हैं...!

6909
ये रोशनी, ये हवा क्या करूँ,
मैं ज़मानेकी दुआ क्या करूँ...?
मेरी आँख़ोंके अश्क़ रेत हुए,
यार दरिया ना हुआ क्या करूँ...?

6910
चैन मिलता था जिसे,
आके पनाहोंमें मेरी...
आज देता हैं वहीं,
अश्क़ निगाहोंमें मेरी.......

14 December 2020

6901 - 6905 आरजू प्यार होठ दर्द ज़िंदगी दीदार आँख अश्क़ शायरी

 

6901
अश्क बनकर आँखोंसे बहते हैं,
बहती आँखोंसे उनका दीदार करते हैं...
माना की ज़िंदगीमें उन्हे पा नहीं सकते,
फिरभी हम उनसे बहुत प्यार करते हैं...!

6902
मुस्कुरानेकी आरजूमें,
छुपाया जो दर्दको...
अश्क हमारी आँखोंमें,
पत्थरके हो गए.......

6903
अश्क बनकर आई हैं,
वह इल्तिजाएँ चश्मतक...
जिनको कहनेके लिए,
होठोंपें गोयाई नहीं...

6904
उस अश्ककी तासीरसे,
अल्लाह बचाये...
जो अश्क आँखोंमें रहें,
और बरसे.......

6905
फ़िर आज अश्क़से,
आँखोंमें क्यूँ हैं आए हुए...
गुज़र गया हैं ज़माना,
तुझे भुलाए हुए.......
                      फ़िराक गोरखपुरी

6896 - 6900 दिल दर्द याद किस्मत मोहब्बत खुशी आँख आँसू शायरी


6896
हँसोगे तो साथ हँसेगी दुनिया,
बैठ अकेले रोना होगा...
चुपके चुपके बहाकर आँसू,
दिलके दुःखको धोना होगा...
बैरन रीत बड़ी दुनियाकी,
आँखसे जो भी टपका मोती...
पलकोंसेही उठाना होगा,
पलकोंसे ही पिरोना होगा...ll

6897
आँखोंसे आँसू निकले,
तो दर्द बढ़ जाता हैं;
उसके साथ बिताया हुआ,
हर पल याद आता हैं;
शायद वो हमें अभीतक,
भूल गए होंगे;
मगर अभी भी उसका चेहरा;
सपनोमें नज़र आता हैं...!

6898
ज़िंदगी जबभी आपको रुलाने लगे,
आप इतना मुस्कुराओ कि दर्दभी शर्माने लगे;
निकले ना आँसू आँखोंसे आपके कभी,
किस्मतभी मज़बूर होकर आपको हँसाने लगे ll

6899
दिल हर राज़ दबाकर रखते हैं,
होंठोंपर मुस्कराहट सजाकर रखते हैं l
ये दुनिया सिर्फ़ खुशीमें साथ देती हैं,
इसलिए अपने आँसुओंको छुपाकर रखते हैं ll

6900
मोहब्बतके सपने वो दिखाते बहुत हैं,
रातोंमें वो हमको जगाते बहुत हैं...
मैं आँखोंमें काजल लगाऊ तो कैसे,
इन आँखोंको सब रुलाते बहुत हैं.......

12 December 2020

6891 - 6895 मंजिल चाहत प्यास शौक हकीक़त आँख आँसू मुलाकात आँसू शायरी

 

6891
वो कहके चले इतनी मुलाकात बहुत हैं,
मैंने कहा रुक जाओ अभी रात बहुत हैं...
आँसू मेरे थम जाये तो फिर शौकसे जाना,
ऐसेमें कहाँ जाओगे बरसात बहुत हैं.......

6892
शायद तू कभी प्यासा,
मेरी तरफ़ लौट आए, फ़राज़;
आंखोंमें लिए फिरता हूँ,
दरिया तेरी ख़ातिर.......
अहमद फ़राज़

6893
सदफकी क्या हकीक़त हैं,
अगर उसमें हो गौहर...
क्यों कर आबरू हो,
आँखकी मौकूफ आँसूपर...!

6894
आँखोंसे आँसुओंके,
मरासिम पुराने हैं...
मेहमां ये घरमें आएं,
तो चुभता नहीं धुआँ.......
गुलज़ार

6895
वो नदियाँ नहीं आँसू थे मेरे,
जिसपर वो कश्ती चलाते रहे;
मंजिल मिले उन्हें ये चाहत थी मेरी,
इसलिए हम आँसू बहाते रहे;
मेहमाँ ये घरमें आएँ तो चुभता नहीं धुआँ,
बहाए होंगे सितारोंने आँसू रातभर ll

11 December 2020

6886 - 6890 दिल मोहब्बत ख़्याल याद तस्वीर ज़ंजीर आँखें आँसू शायरी

 

6886
हसीं तेरी आँखें,
हसीं तेरे आँसू...!
यहीं डूब जानेको,
जी चाहता हैं.......!!!

6887
ख़्यालोंमें तेरी तस्वीर रखकर,
चूम लेता हूँ हथेली...
पर तुम्हारा नाम,
लिखकर चूम लेता हूँ...
तुम्हारे आँखके आँसू,
जो मुझको याद आते हैं...
तो मैं चुपकेसे,
खुद आँसू बहाकर चूम लेता हूँ...

6888
जब जब आपसे,
मिलनेकी उम्मीद नजर आयी...
मेरे पाँवमें,
ज़ंजीर नजर आयी...l
गिर पड़े आँसू आँखसे,
और हर एक आँसूमें...
आपकी तस्वीर नजर आयी...ll

6889
भर आयी मेरी आँखे,
जब उसका नाम आया ;
इश्क नाकाम सही,
फिरभी बहुत काम आया ;
हमने मोहब्बतमें ऐसीभी,
गुजारी कई रातें ;
जब तक आँसू बहे,
दिलको आराम आया ll

6890
जाने क्यों हमें,
आँसू बहाना नहीं आता...
जाने क्यों हाल--दिल,
बताना नहीं आता...
क्यों वो बिछड़ गए हमसे,
शायद हमेंही,
साथ निभाना नहीं आता...

10 December 2020

6881 - 6885 एहसास दर्द गम क़ाफ़िला रौशनी आँख आँसू शायरी

 

6881
आँखोंतक सकी,
कभी आँसुओंकी लहर...
ये क़ाफ़िला भी,
नक़्ल--मकानीमें खो गया...

6882
दो घड़ी दर्दने,
आँखोंमें भी रहने दिया !
हम तो समझे थे,
बनेंगे ये सहारे आँसू.......

6883
एहसास बहुत होगा,
जब छोड़के जायेंगे...
रोयेंगे बहुत मगर,
आँसू नहीं आयेंगे...
जब साथ ना दे कोई,
तो आवाज़ हमे देना...
आसमानपर भी होंगे,
तो लौट आयेंगे...ll

6884
दर्दसे हाथ न मिलते,
तो क्या करते...
गमके आँसू बहाते,
तो क्या करते...
उसने मांगी थी,
रौशनी हमसे...
हम खुदको जलाते,
तो क्या करते...!

6885
इनको नासिर, कभी
आँखसे गिरने देना...
उनको लगते हैं,
मेरी आँखमें प्यारे आँसू...!
                       नासिर काज़मी